देश में जारी कोरोना वायरस के आतंक के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार सुविधाओं को पुख्ता करने की कोशिश कर रहा है. कोरोना वायरस महामारी की जांच के लिए चीन से मंगवाई गईं टेस्टिंग किट ने धोखा दे दिया. इसके बाद अब भारत ने अपने यहां पर ही टेस्टिंग किट बनाने पर काम शुरू कर दिया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने मंगलवार को इसी मसले पर एक समीक्षा बैठक की. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जल्द ही हम अपने यहां टेस्टिंग किट बना लेंगे, जिसके बाद एक दिन में एक लाख टेस्ट किए जा सकेंगे. डिपार्टमेंट ऑफ बायो टेक्नोलॉजी समेत अन्य संगठनों के साथ चर्चा के बाद डॉ. हर्षवर्धन ने ये बयान दिया.
हर्षवर्धन ने कहा कि हमारे वैज्ञानिक, बायो टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट वैक्सीन को बनाने पर भी काम शुरू कर चुके हैं. इसके अलावा जेनेटिक सीक्वेंसिंग को लेकर भी स्टडी शुरू हो गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हम मई महीने तक भारत में RT-PCR, टेस्टिंग किट बनाने में सफल हो जाएंगे. इसको लेकर सारी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, सिर्फ इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की ओर से अनुमति मिलने के बाद प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा. 31 मई तक देश में रोजाना एक लाख टेस्ट हो पाएंगे.
गौरतलब है कि कोरोना वायरस की पहचान करने के लिए टेस्टिंग काफी जरूरी है. अभी भारत में रोजाना 40 से 50 हजार के बीच में टेस्ट हो रहे हैं, लगातार इसकी क्षमता बढ़ाई भी जा रही है. मंगलवार सुबह तक देश में 7 लाख से अधिक कोरोना वायरस के टेस्ट हो चुके हैं.
बता दें कि भारत ने बीते महीने चीन से करीब 5 लाख रैपिड टेस्टिंग किट मंगवाई थी, लेकिन यहां उम्मीद के मुताबिक नतीजे नहीं आए. जिसके बाद कई राज्यों ने केंद्र सरकार से इसकी शिकायत की. ICMR ने इसके बाद चीनी टेस्टिंग किट के इस्तेमाल पर रोक लगा दी और पिछली प्रक्रिया ही जारी रखने को कहा.
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