देश में जारी कोरोना संकट के कारण लॉकडाउन की स्थिति कायम है. इसकी वजह से देश के कई राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों और छात्रों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि केंद्र सरकार ने फंसे हुए मजदूरों और छात्रों को अपने गृहराज्य में जाने की इजाजत दे दी है. इस बीच विभिन्न राज्यों में फंसे बिहार के करीब 25 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों और छात्रों को वापस बुलाने को लेकर बिहार सरकार ने केंद्र सरकार से विशेष ट्रेन सेवा शुरू करने की मांग की है.
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे बिहारी मजदूरों और छात्रों को बस से लाना संभव नहीं है. लिहाजा इनको बिहार पहुंचाने के लिए विशेष ट्रेन सेवा शुरू की जाए. सुशील मोदी ने कहा, ‘मैं भारत सरकार से अपील करता हूं कि विशेष ट्रेन सेवा शुरू की जाए, जो नॉनस्टॉप हो. इतनी ज्यादा संख्या में लोगों को बसों से बिहार लाना संभव नहीं है. अगर बसों से इन लोगों को वापस बुलाना शुरू किया गया, तो कई महीने लग जाएंगे.’
बिहार के उपमुख्यमंत्री ने बताया कि बिहार वापस आने के लिए सिर्फ दिल्ली से ही 5 लाख प्रवासी मजदूरों और छात्रों ने आवेदन किया है. वहीं, मुंबई से 2 लाख 68 हजार, गुजरात से तकरीबन 2 लाख और कर्नाटक से एक लाख प्रवासी मजदूरों और छात्रों ने वापस बिहार आने के लिए आवेदन दिया है.
सुशील मोदी ने बताया कि 25 लाख से भी ज्यादा की संख्या में वापसी करने वाले इन प्रवासी मजदूरों और छात्रों को लेकर बिहार सरकार ने ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है. उन्होंने कहा कि इनको वापस लाने के बाद क्वेरेंटीन में रखने की भी व्यवस्था की गई है. उपमुख्यमंत्री मोदी ने बताया कि सबसे पहले बिहार के बॉर्डर पर पहुंचते ही इन सभी प्रवासी मजदूरों और छात्रों की स्क्रीनिंग कराई जाएगी.
सुशील मोदी ने कहा, ‘बिहार सरकार वापस आने वाले सभी प्रवासी मजदूरों और छात्रों का स्वागत करेगी. इसके बाद उनको होम क्वेरेंटीन या फिर अन्य क्वेरेंटीन सेंटर में रहना होगा.’ सुशील मोदी ने बताया कि प्रवासी मजदूरों और छात्रों को बिहार वापस लाने की व्यवस्था के लिए सीनियर आईएएस अधिकारी प्रत्यय अमृत को नोडल ऑफिसर बनाया है. प्रत्यय अमृत आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव भी हैं.
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