केंद्र सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) अथॉरिटी गुजरात के गांधीनगर में स्थापित करने का निर्णय महाराष्ट्र के गैरभाजपा नेताओं को रास नहीं आ रहा है. राज्य में इस मुद्दे पर सियासत शुरू हो गई है. केंद्र के इस फैसले को लेकर कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना ने नाराजगी जाहिर की है.
आईएफएससी बिल 2019 को 11 दिसंबर, 2019 को लोकसभा ने तथा उसके अगले ही दिन राज्यसभा ने पास कर दिया था. उस समय यह स्पष्ट संकेत थे कि इसे गांधीनगर स्थित गुजरात इंटरनेशनल फ़ाइनेंस टेक (गिफ्ट) सिटी ले जाया जाएगा.
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने एक वेबसंवाद में केंद्र सरकार के इस निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उनके अनुसार केंद्र का यह निर्णय देश की आर्थिक राजधानी के रूप में स्थापित मुंबई की छवि को तोड़नेवाला है. पवार ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह करूंगा कि वे इस निर्णय पर पुनर्विचार करें. पवार चाहते हैं कि महाराष्ट्र में सभी दलों को मिलकर केंद्र के इस निर्णय का विरोध करना चाहिए.
वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार में मंत्री बालासाहब थोरात ने भी कहा हैं कि केंद्र का यह निर्णय आर्थिक केंद्र के रूप में मुंबई की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला है. केंद्र को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए. शिवसेना ने भी केंद्र के निर्णय पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. शिवसेना सांसद अरविंद सावंत के अनुसार महाराष्ट्र दिवस (एक मई) के दिन अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र अथॉरिटी को मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स से हटाकर गांधीनगर ले जाना महाराष्ट्र का अपमान है.
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