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तालाबंदी के बीच सरकारी मदद की आस, वृद्धा ने की 50 किमी पैदल यात्रा लेकिन लौटी खाली हाथ

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लॉकडाउन में सबसे ज्यादा मुश्किलों का सामना वे लोग कर रहे हैं, जो बुजुर्ग गरीब और असहाय हैं. संकट की इस घड़ी में मदद ही इनके भरण पोषण का एकमात्र जरिया है. इसी मदद की आस में एक वृद्धा 50 किमी पैदल चलकर बैंक पहुंची, लेकिन वहां जाकर उसे पता चला कि सरकारी मदद उसके खाते में आई ही नहीं है.

फिरोजाबाद के थाना पचोखरा के गांव हिम्मतपुर निवासी 72 वर्षीय राधा पत्नी हरवीर आगरा के रामबाग में रहकर मजदूरी कर पेट पाल रही हैं. लॉकडाउन के कारण काम बंद हो जाने से उनके पास रखे रुपये भी खत्म हो गए हैं.

रात में ही पैदल निकली थीं वृद्धा

वृद्धा को किसी ने बताया कि सरकार की ओर से महिलाओं के जनधन खाते में 500-500 रुपये डाले हैं. यह पता चलने पर वो भूख-प्यास की परवाह किए बिना ही आगरा के रामबाग से बैंक खाते से पांच सौ रुपये निकालने के लिए रात में ही पैदल चल पड़ी.

50 किलोमीटर पैदल चलकर वो शनिवार सुबह टूंडला के पचोखरा स्थित स्टेट बैंक शाखा पहुंच गईं.यहां उन्होंने अपना खाता दिखवाया. बैंककर्मी ने खाता चेक करने के बाद बताया कि उनके खाते में रुपये नहीं आए हैं. यह सुनकर वो उदास हो गईं. बुजुर्ग महिला ने बताया कि न तो उन्हें वृद्धा पेंशन मिल रही है और न ही कोई राशन कार्ड है. ऊपर से पांच सौ रुपये भी उसके खाते में नहीं डाले. जिसके बाद वो हताश होकर पैदल ही वापस आगरा लौट गईं.

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