पिछले दिनों गुजरात के सूरत में रहने वाले प्रवासी मजदूर बड़ी तादाद में अपने प्राइवेट वाहन या दूसरे इंताजम कर घर जाने को निकले थे. लेकिन स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों ने “वैध अनुमति” के अभाव के कारण उन्हें सूरत के कोसांबा में रोक लिया और उनसे वापस जाने के लिए कहा गया. मामला सामने आने के बाद श्रमिकों ने कहा कि उन्होंने काफी मशक्कत के बाद बस के किराया का इंतजाम किया था, जो उन्हें लौटाया नहीं गया है. उन्होंने मांग की कि उत्तर प्रदेश और गुजरात की सरकारें आपस में समन्वय करें ताकि वे जल्द जल्द लौट सकें. कुछ प्रवासी मजदूरों ने कहा कि ” हममें से कई लोगों ने बस के किराए की व्यवस्था करने के लिए अपनी घड़ियां और मोबाइल फोन तक बेच दिए हैं. हम यहां फंस गए हैं और अधिकारियों की ओर से कोई मदद नहीं मिल रही है.
इस पूरे मामले के बाद वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर प्रवासी श्रमिकों की आवाज उठाने वाले दो जनों के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. सूत्रों के मुताबिक सोशल मीडिया पर करीब 4 मिनट का एक वीडियो वायरल हुआ है. जिसमें एक युवक लॉक डाउन के दौरान हुई प्रवासी श्रमिकों की दुर्रगति का जिक्र करते हुए इसके लिए स्थानीय नेताओं सांसद दर्शना जरदोष व सीआर पाटिल को जिम्मेदार ठहरा रहा है. गांव भेजे गए कई श्रमिकों की बॉर्डर से वापसी के कारण हो रही परेशान के लिए भी गुजरात, मध्यप्रदेश व उत्तरप्रदेश तीनों राज्यों में भाजपा की सरकारें होने के बावजूद संकलन की कमी का कारण बता रहा है.
क्योंकि इन्हें प्रशासन की ओर से अनुमति देकर रवाना गया था. इसके लिए वह मुख्यमंत्री विजय रूपाणी व पूरी पार्टी को संवेदनहीन बता रहा है. साथ ही अभद्र भाषा का प्रयोग भी कर रहा है. वीडियो में वह कुछ श्रमिकों के बीच मास्क हटा खड़ा नजर आ रहा है. फेसबुक पर वायरल वीडियो प्रशासन के संज्ञान में आने पर सोमवार शाम क्राइम ब्रांच ने वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर वायरल करने के आरोप में सरथाणा वालमनगर निवासी महेश वाघाणी उर्फ माइकल (36) व धवल भरोडिया (25) को गिरफ्तार किया है. उनके खिलाफ निषेधाज्ञा भंग, महामारी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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