कोरोना के संकट में दुनिया की दिग्गज कैब ऐग्रिगेटर कंपनी उबर की हालत लगातार खराब हो रही है. कंपनी ने अब 3,700 कर्मचारियों की छंटनी का फैसला लिया है. इसके साथ ही अगले दो सप्ताह में 180 ड्राइवर सर्विस सेंटरों को बंद करने का भी ऐलान कर दिया है. कंपनी का कहना है कि कोरोना संकट से रेवेन्यू बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. ऐसे में लागत में कमी के मकसद से यह फैसला लिया गया है. इस छंटनी के बाद दुनिया भर में उबर की वर्कफोर्स 14 फीसदी कम हो जाएगी. उबर के सीईओ दारा खोसरोवशाही ने कर्मचारियों को ईमेल लिखकर कहा कि कंपनी की ओर से हायरिंग पर रोक लगाई जा रही है. दारा ने लिखा था कि कोरोना के संकट के चलते दुनिया भऱ में उबर की राइडरशिप बुरी तरह से प्रभावित हुई है.
कैब एग्रिगेटर कंपनी का कहना है कि वह दुनिया भर में 40 फीसदी सर्विस सेंटर्स को बंद करेगी. फिलहाल उबर के 450 सर्विस सेंटर हैं. इससे पहले मार्च के महीने में कंपनी ने अमेरिका और कनाडा में अपने सभी हब अस्थायी तौर पर बंद करने का फैसला लिया था. कंपनी के सीईओ ने लिखा, ‘यह बुरे दिन चल रहे हैं. हमें आने वाले समय में और भी कठिन समय के लिए तैयार रहना होगा. कंपनी ने कोरोना के संकट से काफी पहले ही बीते साल जुलाई से अक्टूबर के दौरान 1,000 कर्मचारियों की छंटनी की थी. कंपनी के आईपीओ के असफल रहने के बाद यह फैसला लिया गया था. तब भी कंपनी ने घाटे की बात कही थी.
उस वक्त कंपनी का मानना था कि 2019 के अंत तक वह मुनाफे की स्थिति में आ जाएगी, लेकिन कोरोना के संकट के चलते उसकी उम्मीदों पर पानी फिर गया. यही नहीं अप्रैल महीने में कंपनी ने भविष्य के अपने अनुमान को भी स्थगित कर दिया है. उबर ने दुनिया के 7 देशों में अपने फूड डिलिवरी ऐप UberEats को भी बंद करने का ऐलान किया है. कंपनी के सीईओ ने खोसरोवशाही ने अगले एक साल तक कोई वेतन न लेने का फैसला लिया है.
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