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एमपी-यूपी बॉर्डर पर फंसे करीब 5000 प्रवासी मजदूर, गर्भवती महिलाओं और बच्चों के हाल-बेहाल

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कोरोना संकट के कारण पूरे देश में लॉकडाउन लागू है. इस लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूरों के लिए अपनी जीविका उठानी मुश्किल हो रही है. तमाम राज्यों में प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं. कई ऐसे भी हैं जो अपने घर के लिए निकल तो पड़े हैं लेकिन उन्हें बॉर्डर से आगे नहीं जाने दिया जा रहा है. उत्तर प्रदेश के महोबा में यूपी-मध्य प्रदेश बॉर्डर पर करीब पांच हजार मजदूर फंस गए हैं.

ये मजदूर अपने घर जाने के लिए दूसरे राज्यों से कैसे भी चले तो आए लेकिन अब यहां इन मजदूरों को यूपी में घुसने की इजाजत नहीं दी जा रही है. उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के मध्य प्रदेश बॉर्डर पर दिल दहला देने वाला नजारा देखने को मिला है. यहां गुजरात, महाराष्ट्र से आए हजारों मजदूर फंसे हुए हैं. लॉकडाउन के कारण बेबस, बदहाल मजदूर भीषण गर्मी में खुले आसमान के नीचे बैठने को मजबूर हैं. इनमें गर्भवती महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं, जो भूख-प्यास से बेहाल हैं.

मजदूर उत्तर प्रदेश बॉर्डर में प्रवेश कर अपने घर को जाने के लिए आए हैं. हालांकि इन्हें बॉर्डर पार करने की इजाजत नहीं है. बॉर्डर पर जिले की पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों का जमावड़ा लगा है और इनको बॉर्डर क्रॉस नहीं करने दिया जा रहा है.

मालूम हो कि महोबा जिले में कैमाहा गांव के पास उत्तर प्रदेश-मध्य प्रदेश का बॉर्डर है. यहां गुजरात, महाराष्ट्र से सैकड़ों वाहनों में हजारों मजदूर पहुंचे हैं. बॉर्डर क्रॉस करने की इजाजत नहीं होने के कारण ये मजदूर भूखे-प्यासे ही खुले आसमान के नीचे बैठने को मजबूर हैं. गर्मी के कारण गर्भवती महिलाओं और बच्चों की हालत ज्यादा खराब है. लॉकडाउन के बाद बड़ी तादाद में बेरोजगार हुए ये मजदूर काफी लंबा सफर तय कर महोबा पहुंचे थे.

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