प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश के लिए इकॉनोमिक पैकेज का ऐलान किया है. यह 20 लाख करोड़ रुपए का पैकेज होगा. लेकिन प्रवासी मजदूरों का कहना है कि उन्हें इससे कोई फायदा नहीं होने वाला है. सबसे ज्यादा लॉकडाउन से प्रभावित प्रवासी मजदूर हैं, जो दूसरे राज्यों में काम कर रहे हैं या काम की तलाश में जाते हैं. कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया. उससे खास तौर से प्रवासी मजदूरों कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही. मजदूरों ने कहा ऐसे ऐलान होते रहते हैं. मजदूरों तक कहां आता है. मजदूरों को कुछ नहीं मिलता है. मजदूरों को अगर खाना मिलता रहता तो हम क्यों निकलते? वहीं एक अन्य मजदूर ने कहा कि हमें इन ऐलानाों से कोई फायदा नहीं मिलने वाला है. हम लोग घर जाना चाहते हैं. ट्रेन चलाएं तो चलाएं वरना पैदल चले जाएंगे. हम मरेंगे तो घर पर ही मरेंगे.’
एक महिला मजदूर से जब पीएम मोदी के पैकेज के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इससे खुश क्या होंगे? काम ही नहीं चल रहा तो खुश क्या होंगे. मेहनत-मजदूरी करते हैं. रोजगार है नहीं. कोई काम मिल नहीं रहा तो खाएंगे क्या? इससे अच्छा गांव में जाकर कुछ छोटा-मोटा काम कर लेंगे. इससे कोई फायदा नहीं होगा. हमें राशन ही नहीं मिल रहा है.’
बता दें, कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एक बार फिर राष्ट्र को संबोधित किया. राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने 20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया. इसके साथ-साथ उन्होंने लॉकडाउन 4.0 की भी बात की. पीएम ने कहा कि 20 लाख करोड़ रुपये का यह पैकेज ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को नई गति देगा.
https://archivehindi.gujaratexclsive.in/the-migrant-laborer-walked-on-foot-amidst-the-ongoing-battle-of-hunger-and-thirst-but-lu-took-away-his-life/