भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने एक ट्वीट करके भारत सरकार से कहा है कि वह उसके 100 फीसदी कर्ज चुकाने के प्रस्ताव को स्वीकार करें और उसके खिलाफ चल रहे मामले को बंद कर दे.
विजय माल्या ने एक ट्वीट में कहा कि कोविड 19 के 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज के लिए सरकार को बधाई देता हूं और वह जितनी चाहे उतनी करेंसी प्रिंट कर सकते है लेकिन मेरे जैसे एक छोटे से सहयोगकर्ता की पेशकश स्वीकार करनी चाहिए, मैं बैंकों का 100 फीसदी पैसा वापस लौटाना चाहता है लेकिन उसे नजरअंदाज क्यों किया जा रहा है? कृपया मेरे पैसे बिना शर्त लें और बंद करें.
गौरतलब है कि पिछले महीने ब्रिटेन के हाईकोर्ट ने माल्या की अपील को खारिज कर दिया था. माल्या ने हाईकोर्ट में तर्क दिया कि निचली अदालत ने गलत तरीके से उनके प्रत्यर्पण को मंजूरी दी जबकि साजिश के तहत उनके खिलाफ धोखाधड़ी और धनशोधन का मामला दर्ज किया गया.
Congratulations to the Government for a Covid 19 relief package. They can print as much currency as they want BUT should a small contributor like me who offers 100% payback of State owned Bank loans be constantly ignored ? Please take my money unconditionally and close.
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) May 14, 2020
हाईकोर्ट से अपील खारिज होने के बाद माल्या ने अपने बारे में मीडिया में कही जा रही बातों पर भी निराशा व्यक्त की थी. उन्होंने कहा था कि मैं मीडिया में कही जा रही बातों से भी निराश हूं, जिसके मुताबिक मुझे 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के लिए भारत में मुकदमे का सामना करना चाहिए. कृपया ध्यान दें कि मेरे और अन्य के खिलाफ आरोप केवल 2009 में आईडीबीआई बैंक से कुल 900 करोड़ रुपये के उधार की तीन किस्तों से संबंधित हैं. माल्या मार्च 2016 से ब्रिटेन में हैं और अप्रैल 2017 से प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तारी के बाद जमानत पर हैं.
क्या है मामला और माल्या की दलील
माल्या के प्रत्यर्पण का मामला उनके और उनकी कंपनी को द्वारा आईडीबीआई को ठगे जाने पर स्थिर है. 2009 में आईडीबीआई से किंगफिशर एयरलाइन के लिए माल्या ने कई करोड़ रुपये लिए थे. माल्या की दलील है कि उसने व्यापार में नुकसान के चलते बैंक का पैसा नहीं लौटाया था न कि ठगने के इरादे से.
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