लॉकडाउन के बीच मजदूरों पर एक और दुख का पहाड़ टूटा है. उत्तर प्रदेश के औरैया में हुए भीषण सड़क हादसे ने 24 मजदूरों की जिंदगी छीन ली. कहीं रेलवे ट्रैक पर मजदूर जान गंवा रहे हैं तो कहीं बस या ट्रक की टक्कर से एक पल में सब कुछ खत्म हो जा रहा है. मुजफ्फरनजर के बाद अब औरैया में हुआ हादसा इसी की गवाही दे रहा है. इस बीच पता चला है कि औरैया में 24 से ज्यादा मजदूरों की जान जा सकती थी अगर कुछ मजदूर एक कप चाय के लिए न रुके होते.
डीसीएम रोककर कई मजदूर चाय पी रहे थे
डीसीएम में सवार ज्यादातर मजदूर बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के हैं. मजदूर एक लंबा सफर तय करते हुए राजस्थान से आ रहे थे. पूरी रात ट्रक में काटने के बाद सुबह होने वाली थी. लेकिन इसे मजदूरों की बदकिस्मती कहें या काल का कुचक्र, उन्हें सुबह का सूरज नहीं देखने को मिला. जिंदगी की अंगड़ाई, मौत की आहट को नहीं भांप सकी. काली रात ने चंद लमहों में सब कुछ तबाह कर दिया. चश्मदीदों के मुताबिक दिल दहला देने वाला हादसा उस वक्त हुआ जब कई मजदूर डीसीएम रोककर चाय पी रहे थे. बताया जा रहा है कि हादसे में मरने वाले मजदूरों की तादाद कहीं ज्यादा होती अगर वे चाय पीने के लिए उतरे न होते.
चाय ने किया जिंदगी-मौत का फैसला!
सुबह होने से पहले कुछ मजदूरों को चाय पीने की तलब लगी और शायद इस चाय ने ही उनकी जिंदगी-मौत के फासले का फैसला कर दिया. हादसा औरैया में दिल्ली-कानपुर हाईपे पर हुआ. सड़क किनारे खड़े डीसीएम को ट्रक ने उस वक्त टक्कर मारी, जब कुछ मजदूर पास ही के एक ढाबे में चाय पी रहे थे. मरने वालों में से ज्यादातर मजदूर टक्कर मारने वाले ट्रक में सवार थे. इस ट्रक में चूने की बोरियां लदी हुई थीं. बताया जा रहा है कि कई मजदूर नींद में ही मौत के आगोश में समा गए. इस घटना के बाद सामने आई एक तस्वीर में मजदूरों के सामान के ढेर को भी देखा जा सकता है.
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