भारत और नेपाल के बीच नक़्शा विवाद बढ़ता जा रहा है. इस बीच संसद में संबोधन के दौरान नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने कहा कि वो भारत से पूछना चाहते हैं कि वो किस नीति में विश्वास करते हैं- सत्यमेव जयते या सिंहमेव जयते? नेपाल के तरफ से भारतीय भूभाग पर अपना दावा करते हुए नया नक्शा जारी करने पर प्रधानमंत्री केपी ओली बोले, भारत से अपना जमीन वापस लेना इतना आसान नहीं है.
नेपाल के पीएम ने भारतीय सेना प्रमुख के द्वारा हाल ही में दिए गए बयान की ओर इंगित करते हुए कहा कि कितने बडे-बडे लोग इस पर बयान दे रहे हैं. इसलिए यह इतनी आसानी से मिलने वाला नहीं है लेकिन वो भी इतनी आसानी से पीछे हटने वाले नहीं हैं.
ओली ने कहा कि वो सत्यमेव जयते के सिद्धांत पर विश्वास करते हैं. भारत के प्रतीक चिह्न अशोक स्तम्भ का जिक्र करते हुए ओली ने बताया कि चार शेर वाले इस प्रतीक चिह्न के नीचे ध्येय वाक्य लिखा है सत्यमेव जयते. ओली ने सदन में कहा कि इस विषय पर जब भी कूटनीतिक या राजनीतिक वार्ता होगी तब वो भारत से पूछना चाहेंगे कि वो सत्यमेव जयते पर विश्वास करते हैं या सिंहमेव जयते पर?
प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि भारत के प्रतीक चिह्न के नीचे लिखे ध्येय वाक्य पर उनको और नेपाली जनता को पूरा विश्वास है. इसलिए उन्हें लगता है कि भारत के कब्जे में रहे नेपाल की जमीन अवश्य वापस हो जाएगा.
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