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कोरोना के साथ जीने के लिए हमें हर चीज़ का SOP तैयार करना होगा!

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रोहित पटेल: कठिनाइयों के बावजूद इस बात से इनकार नहीं किया जाता है कि लॉकडाउन के त्वरित प्रभाव ने हमें कोरोना के प्रसार को नियंत्रित करने में मदद की है. हालांकि आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने की जरूरत है क्योंकि हम नहीं जानते कि Covid-19 की लड़ाई कितने समय तक चलेगी. इसलिए हमें खुद को महामारी के साथ जीने के लिए तैयार करने की आवश्यकता है. हम अपने नागरिकों के जीवन को सुरक्षित रखने के लिए चार दीवारों तक सीमित नहीं रख सकते हैं और ना रखना चाहिए. एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर) अपनाने का समय आ गया है ताकि हम कोरोना के साथ जीना सीख सकें. इसका मतलब है स्वेच्छा से एक अनुशासित जीवन सुनिश्चित करने के लिए खुद पर प्रतिबंध लगाना.

एसओपी को व्यावहारिक रूप से लागू करने के लिए पर्याप्त रूप से व्यावहारिक होना चाहिए. उदाहरण के लिए लॉकडाउन में छूट देने के दौरान उद्योगों को शुरू करने से पहले उन पर शर्तें लागू हों.

कर्मचारियों को दोपहिया वाहनों और कार या बस में यात्रा करने वाले लोगों की संख्या पर प्रतिबंध के कारण यात्रा करना मुश्किल हो गया. हर व्यवसाय में कार्यस्थल पर कर्मचारियों के रहने-खाने की सुविधा देने की क्षमता नहीं थी. इस मामले में शर्तों को लागू का व्यावहारिक रूप से असंभव था जिसके परिणामस्वरूप उद्योगों ने या तो दुकान नहीं खोलीं या फिर खोलीं तो नियमों का पालन नहीं किया.

सत्ता के विकेंद्रीकरण की जरूरत है और दिशा-निर्देश दिए जाने की आवश्यकता है ताकि स्थानीय अधिकारी यह निर्णय ले सकें कि कनटेंमेंट या रेड जोन में किस चीज की अनुमति है और किसकी नहीं है और ऐसे जोन को कैसे परिभाषित किया जाए.

हमें सभी को Covid-19 के उपकेंद्र, अस्थायी कनटेंमेंट जोन, स्थानीय प्राधिकरण, रेड ज़ोन, ऑरेंज ज़ोन और ग्रीन ज़ोन को स्पष्ट और सटीक रूप से परिभाषा करने की आवश्यकता है.

उपरोक्त परिभाषित प्रत्येक क्षेत्र में जीवन के मानक को तय करने के लिए भी हमें निर्धारित दिशानिर्देशों की आवश्यकता है. हमें व्यापार, माल के परिवहन, यात्रा, ड्राइविंग और यहां तक ​​कि अपने दैनिक जीवन के लिए एक एसओपी की आवश्यकता होगी.

उदाहरण के लिए Covid-19 के दौरान रोजमर्रा की जिंदगी के दौरान एक एसओपी यह हो सकता है कि कोई भी व्यक्ति अच्छी गुणवत्ता वाले मास्क के बिना घर से बाहर कदम नहीं रखेगा. सार्वजनिक स्थानों पर हाथ धोने की सुविधा या सैनिटाइज़र की उपलब्धता सुनिश्चित करना, किराने की खरीद के लिए एक सैनिटाइज्ड बैग लेना और बाहर जाने से बचने के लिए किराने का सामान थोक में खरीदना कुछ अन्य एसओपी हो सकते हैं.

वहीं कारखानों के लिए बिना मास्क के कर्मचारियों को अनुमति नहीं देना, कार्यस्थल का संपूर्ण स्वच्छता सुनिश्चित करना, शुरुआती लक्षणों का पता लगाने के लिए कर्मचारियों के स्वास्थ्य पर नज़र रखना आदि शामिल हो सकते हैं. दुकान में बिना मास्क या बिना सेनेटाइज्ड बैग के आने वाले लोगों को सामान देने से मना किया जा सकता है. दुकान में एक समय में केवल एक ग्राहक को अनुमति देना आदि कुछ अनिवार्य SOP हो सकते हैं जिन्हें हमें लागू करने की आवश्यकता हो सकती है.

यह हमारे लिए Covid-19 के साथ जीने का तरीका सीखने का समय है और नियमों को तय करने और उनको अनुशासित रूप से पालन करना हमारे लिए एकमात्र तरीका हो सकता है.

(लेखक गुजरात के पूर्व मंत्री और मिल्सेंट अप्लायंसेज प्राइवेट लिमिटेड के सीएमडी हैं. व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं.)

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