कोरोना की त्रासदी के बीच दूरदराज के राज्यों में रोजी-रोटी कमाने गए श्रमिकों और कामगारों का महा पलायन बदस्तूर जारी है. इन श्रमिकों की घर वापसी के लिए सरकार द्वारा श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं. लेकिन इनमें से कुछ ट्रेनें भी लेटलतीफी का शिकार हो जा रही हैं. यात्रियों का आरोप है कि इन ट्रेनों को भी जगह-जगह घंटों तक खड़ा कर दिया जा रहा है. जिस वजह से इसमें यात्रा कर रहे श्रमिक भीषण गर्मी और भूख, प्यास से परेशान हो रहे हैं.
ट्रेनों को जगह-जगह रोके जाने से परेशान होकर अब तो श्रमिक हंगामे पर भी उतर जा रहे हैं. शुक्रवार को ऐसी ही एक घटना वाराणसी और डीडीयू जंक्शन (मुगलसराय) के बीच हुई. जब घंटों तक ट्रेन रोके जाने से परेशान होकर उसमें सवार सैकड़ों श्रमिक रेलवे ट्रैक पर उतर आए और जमकर हंगामा किया.
यही नहीं सैकड़ों की तादाद में रेलवे ट्रैक पर मौजूद श्रमिक स्पेशल ट्रेन के यात्रियों दूसरे ट्रैक पर आती हुई ट्रेन को भी रोकने का प्रयास किया. दरअसल महाराष्ट्र के पनवेल से सैकड़ों की संख्या में श्रमिकों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन जौनपुर के लिए निकली थी. ट्रेन को जाना तो जौनपुर था लेकिन बीच रास्ते में इस ट्रेन को जौनपुर के बदले दीनदयाल जंक्शन की तरफ मोड़ दिया गया. इसके बाद यह ट्रेन वाराणसी होते हुए काशी स्टेशन पर पहुंची.
ट्रेन में सवार श्रमिकों के अनुसार काशी स्टेशन पर यह ट्रेन तकरीबन 6 घंटे से ज्यादा देर तक खड़ी रही. इसके बाद किसी तरह से ट्रेन आगे के लिए बढ़ी तो काशी और दीनदयाल जंक्शन के बीच पड़ने वाले एक छोटे से स्टेशन व्यास नगर पर रोक दिया गया. यहां पर भी ट्रेन तकरीबन डेढ़ से दो घंटे तक खड़ी रही.
एक तो ट्रेन को जौनपुर के बदले दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन लाए जाने से पहले से ही इसमें सवार यात्री आक्रोशित थे. ऊपर से वाराणसी और दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के बीच ट्रेन कई घंटों तक खड़ी रही. जिसको लेकर व्यास नगर रेलवे स्टेशन पर इन यात्रियों का आक्रोश फूट पड़ा. जिसके बाद सैकड़ों की संख्या में यहां पर यात्री रेलवे ट्रैक पर उतर आए और हंगामा करने लगे.
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