सोशल मीडिया कम्पनी फेसबुक अपने कर्मचारियों की सैलरी में कटौती करने की योजना बना रहा है. दरअसल फेसबुक ने सिलिकॉन वैली में अपने मेनलो पार्क मुख्यालय के बाहर से रिमोट वर्क के स्थाई सिस्टम का ऐलान किया है, जिसके बाद उसके कर्मचारियों का पुरानी सैलरी पर ग्रहण लग गया.
शुक्रवार को फेसबुक ने कहा कि कर्मचारी दूर बैठे काम कर सकते हैं, लेकिन रहन-सहन के स्थानीय ख़र्च के हिसाब से, उनकी सैलरी में बदलाव किया जाएगा. पहले ये विशाल टेक कम्पनी मेनलो पार्क एरिया के पास रहने के लिए, अपने नए कर्मचारियों को एक बोनस देती थी.
फेसबुक पेज पर लाइव प्रसारण द्वारा कर्मचारियों को सीधे संबोधित करते हुए, मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क ज़ुकरबर्ग ने कहा कि एक जनवरी 2021 तक सभी कर्मचारी कम्पनी को अपनी नई लोकेशन से अवगत करा दें, ताकि उनकी सैलरी उसी हिसाब से तैयार की जा सके. उन्होंने ये भी कहा कि जो कर्मचारी सैलरी में हुए बदलावों से बचकर निकलने की कोशिश करेंगे, उन्हें कड़े नतीजे भुगतने होंगे, क्योंकि कर नियमों के उल्लंघन से बचने के लिए, कम्पनी को कर्मचारियों की लोकेशंस का हिसाब रखना पड़ता है.
ज़ुकरबर्ग ने ये भी कहा, कि कर्मचारी अपने वीपीएन पर किस जगह से पहुंचते हैं, उसे चेक करके फेसबुक उन पर नज़र रखेगी. कर्मचारियों की लोकेशंस का पता लगाने के लिए, फेसबुक अपने एप का भी इस्तेमाल करती है, और इंटर्न्स को ट्रैक करने के लिए उसने पहले भी ऐसा किया है, जब वो काम पर नहीं आते थे. लेकिन दूर बैठे काम करने का क़दम उठाने का मतलब ये नहीं होगा कि कैलिफोर्निया में लोगों की छंटनी हो जाएगी.
गुरुवार को को ज़ुकरबर्ग ने कहा था कि फेसबुक जुलाई में ‘आक्रामकता के साथ रिमोट भर्तियां’ शुरू करेगी, इस अपेक्षा के साथ कि आख़िरकार अगले 5 से 10 वर्षों में, इसके लगभग आधे कर्मचारी, फेसबुक दफ्तरों के बाहर से अपना काम करेंगे. ये क़दम कोविड-19 के बाद की दुनिया के, कार्यस्थलों की परिकल्पना की दिशा में उठाया गया है, और इसमें फेसबुक अकेली नहीं है. इससे पहले माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर, और फाइनेंशियल सर्विसेज़ कम्पनी स्क्वेयर ने भी घोषणा की थी, कि अगर कर्मचारी चाहें तो स्थाई तौर पर घर से काम कर सकते हैं.
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