विश्व बैंक ने एकबार फिर पाकिस्तान पर अपनी रहमोकरम दिखाई. खराब वित्तीय स्थिति से जूझ रहे पाकिस्तान को विश्व बैंक ने चार साल बाद वित्तीय सहायता प्रदान करने का फैसला किया है. विश्व बैंक ने पाकिस्तान में कोरोना वायरस महामारी के प्रतिकूल प्रभाव को घटाने के लिए 50 करोड़ डॉलर का नीतिगत ऋण मंजूर किया है. हालांकि इसके लिए कुछ शर्तें होंगी.
पाकिस्तान 30 साल में इस ऋण को चुकाएगा. इसे विश्व बैंक की रियायती दर पर ऋण देने वाली शाखा अंतरराष्ट्रीय विकास संघ (आईडीए) ने दिया है. विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशकों की बोर्ड ने पाकिस्तान को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य और शिक्षा तक बेहतर पहुंच स्थापित करने, महिलाओं को आर्थिक अवसर मुहैया करने और सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने में मदद करने के लिए 50 करोड़ डॉलर के ऋण को शुक्रवार को मंजूरी दे दी.
मालूम हो कि विश्व बैंक ने 2017 में वृहद आर्थिक परिस्थतियों के खराब होने के चलते पाकिस्तान को मिलने वाली बजटीय सहायता निलंबित कर दी थी. फिलहाल पाकिस्तान कोरोना महामारी के प्रभाव को काम करने में काफी मुश्किलों का सामना कर रहा है. वाशिंगटन स्थित विश्व बैंक के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान का हवाला देते हुए एक्सप्रेस ट्रिब्यून में आई एक खबर में यह कहा गया है. विश्व बैंक के दस्तावेज में कहा गया कि राजनीतिक जोखिम अधिक है क्योंकि कोविड-19 से निपटने की कवायद ने संघीय इकाइयों के बीच संबंधों में अनिश्चतता लाई है.
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