देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए केंद्र सरकार श्रमिक स्पेशल ट्रेन चला रही है. रोजाना सैकड़ों ट्रेनें अपनी मंजिल तक पहुंच रही हैं लेकिन कुछ ट्रेन ऐसी भी हैं जिनका सफर बेहद लंबा हो जा रहा है. हालत ये है कि 30 घंटे का सफर 4 दिन में पूरा हो रहा है. रास्ते में भूख, प्यास और गर्मी से मजदूर परेशान है.
दिल्ली से बिहार के मोतिहारी जा रही ट्रेन चार दिन में समस्तीपुर पहुंची, जबकि पूरी यात्रा में महज 30 घंटे लगते हैं. मजदूरों का कहना है कि उन्हें मोतिहारी का टिकट दिया गया है और ट्रेन पिछले 4 दिनों से उन्हें घुमा-घुमा कर ले जा रही है. लोगों का कहना है कि मुसीबत के वक्त वो घर लौट रहे हैं और अब ये सफर भी मुसीबत बन गई है.
दिल्ली से मोतिहारी के लिए चली ट्रेन चार दिनों में समस्तीपुर पहुंची, जहां ट्रेन में महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गया तो उसे ट्रेन से उतारा गया. आलम ये था कि महिला ने बिना किसी मेडिकल सुविधा के एक बच्ची को प्लेटफॉर्म पर ही जन्म दिया. इस बीच जानकरी मिलने पर रेलवे के सीनियर डीसीएम अपनी गाड़ी लेकर महिला को अस्पताल ले जाने पहुंच गए.
आज तक की खबर के मुताबिक, समस्तीपुर पहुंची एक ट्रेन के यात्री गगन बताते हैं कि उन्होंने पुणे में 22 मई को ट्रेन पकड़ी थी और छत्तीसगढ़, उड़ीसा, झारखंड, पश्चिम बंगाल की सैर कराते हुए ट्रेन 25 मई को दोपहर में समस्तीपुर पहुंची. इसी तरह धर्मेंद्र बताते है कि उन्होंने पुणे में ट्रेन पकड़ी थी. पूरा भारत घुमाते हुए 70 घंटे बाद ट्रेन समस्तीपुर पहुंची. जबकि यात्रा में महज 36 घंटे लगते हैं.