बिहार के बक्सर क्वारनटीन सेंटर से अनोखा मामला सामने आया है जहां क्वारनटीन सेंटर में रह रहे एक युवक की भूख ने सबको हैरत में डाल दिया तो वहीं क्वारनटीन सेंटर के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई. क्वारनटीन सेंटर को युवक के लिए भरपेट भोजन का इंतजाम करना मुश्किल हो रहा था. युवक के लिए खाने का इंतजाम करना क्वारनटीन सेंटर की देखरेख में जुटे लोगों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.
युवक क्वारनटीन सेंटर में और इसके बाहर भी चर्चा का केंद्र बना हुआ है जिसकी खुराक ने लोगों को चौंका दिया है. वह अकेले ही दस लोगों का खाना खा जाता है. उसकी नाश्ते की खुराक में 40 रोटी और कई प्लेट चावल होते हैं. युवक का नाम है अनूप ओझा जो मझवारी क्वारनटीन सेंटर में है. आजकल अपने खाने को लेकर चर्चा में है.
क्वारनटीन सेंटर के लोगों का कहना है कि कुछ दिन पहले खाने में लिट्टी बनी थी. 60 लिट्टी के खाने के बाद भी अनूप का पेट नहीं भरा. दरअसल अनूप के पेट की भूख ने ऐसा तहलका मचा दिया है कि ये दस लोगों का खाना एक साथ खा जाते हैं. अनूप स्वयं स्वीकार करते हैं कि वो 30-32 रोटी से नाश्ता करते हैं फिर एक दिन अकेले ही 25 लिट्टी खा गए थे.
अनूप ओझा के ज्यादा मात्रा में खाना खाने की बात पर उस क्वारनटीन सेंटर के लोग बताते हैं कि क्वारनटीन सेंटर में जब खाना बनता है तो ज्यादातर खाना कम पड़ जाता है. अनूप अकेले कभी-कभी दस लोगों का कहना खा जाते हैं. जिसकी वजह से दोबारा खाना बनाने की मशक्कत करनी पड़ती थी. ऐसे लोग उनको दबी जुबान में क्वारनटीन सेंटर का कुंभकर्ण भी कहते हैं.
जानकारी के मुताबिक, अनूप एक सप्ताह पहले क्वारनटीन सेंटर आए थे. रोजी रोटी की तलाश में राजस्थान गए थे. लॉकडाउन लगने की वजह से घर वापस आए तो क्वारनटीन सेंटर में 14 दिन के लिए रख दिया गया. क्वारनटीन सेंटर में उनकी भूख के लिए खाने का इंतजाम करना किसी चुनौती से कम नहीं है. बहरहाल अनूप ओझा की खाने की कहानी की चर्चा अब पूरे बक्सर के लिये कौतूहल का विषय बनी हुई है.
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