कोलकाताः तालाबंदी के बीच श्रमिक मजदूरों के लिए केंद्र सरकार ने विशेष ट्रेन चलाकर अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों के घर वापसी का इंतजाम कर रही है. लेकिन श्रमिक विशेष गाड़ियों की लापरवाही और रेलवे विभाग की बदइंतजामी की वजह से प्रवासी मजदूरों को कई परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है. अक्सर प्रवासी मजदूरों को लेकर खबर सामने आ रही है कि गाड़ियां प्रवासी मजदूरों को उनके राज्य में पहुंचाने का रास्ता भटक रही है इतना ही नहीं प्रवासियों की मौत को लेकर पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि ‘‘छोटी एवं छिटपुट’’ घटनाएं हैं और इसके लिए रेलवे को उत्तरदायी नहीं ठहरा जा सकता.
कोरोना की वजह से लागू लॉकडाउन के बीच अपने घरों को लौट रहे लाखों श्रमिक और उनके परिजन गर्मी, भूख और प्यास का सामना कर रहे हैं और सोमवार तक ‘श्रमिक विशेष’ रेलगाड़ियों पर एक बच्चे सहित नौ श्रमिकों की मौत हो चुकी है.
भाजपा सांसद घोष ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुई हैं. लेकिन आप इसके लिए रेलवे को उत्तरदायी नहीं ठहरा सकते हैं. वे प्रवासियों को घर पहुंचाने के लिए बेहतर प्रयास कर रहे हैं. कुछ मौतें हुई हैं लेकिन ये छिटपुट घटनाएं हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘यात्रियों की सेवा के लिए रेलवे के बेहतर प्रयासों के हमारे पास उदाहरण हैं. कुछ छोटी-मोटी घटनाएं हुई हैं लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि आप रेलवे को बंद कर देंगे.’’ उनके बयान पर पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी माकपा ने तीखी प्रतिक्रिया जताई, जिसने भाजपा नेता से मजदूरों की दुर्दशा पर संवेदनशील होने के लिए कहा.
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