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कोरोना संकट ने तोड़ी GDP की कमर, विकास दर 4.2 फीसदी पर लुढकी

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कोरोना संकट के बीच केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने वित्त वर्ष 2019-20 की जीडीपी ग्रोथ रेट की जानकारी दी. कोरोना ने देश की विकास दर की कमर तोड़ दी है. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने बताया कि बीते वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी की वृद्धि दर घटकर 11 साल के निचले स्तर 4.2 प्रतिशत पर रहा. इससे पहले जनवरी में सरकार ने कहा था कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए एडवांस जीडीपी का ग्रोथ रेट 5 फीसदी रहने का अनुमान है.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देश की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में घटकर 3.1 प्रतिशत पर रहा. इससे पिछली तिमाही यानी अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में देश की जीडीपी 4.7 फीसदी पर आई थी जो कि करीब सात का निचला स्तर था. देश-दुनिया की तमाम एजेंसियों ने मार्च तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ 0.5 फीसदी से लेकर 3.6 फीसदी के बीच रहने की संभावना जताई है.

वित्त वर्ष 2019-20 की पहली यानी अप्रैल-जून तिमाही में देश की जीडीपी 5 फीसदी रही थी. इसके बाद दूसरी यानी जुलाई-सितंबर तिमाही में देश की जीडीपी 4.5 फीसदी पर रही थी. वहीं तीसरी यानी अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में देश की जीडीपी दर 4.7 फीसदी पर आई थी. हालांकि बाद में देश की जीडीपी के आंकड़ों को संशोधित किया गया था और पहली तिमाही में 5.6 फीसदी और दूसरी तिमाही में 5.1 फीसदी के जीडीपी आंकड़ों को बताया गया था.

क्रिसिल ने वित्त वर्ष 2019-20 में देश की जीडीपी 4 फीसदी और मार्च तिमाही में 0.5 फीसदी रहने का अनुमान दिया था. एसबीआई रिसर्च ने मार्च तिमाही में 1.2 फीसदी और पिछले वित्त वर्ष में 4.2 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रहने का अनुमान दिया था. वहीं आईसीआईसीआई ने मार्च तिमाही में 1.5 फीसदी और पिछले पूरे वित्त वर्ष में 4.2 फीसदी आर्थिक विकास दर रहने का अनुमान दिया.

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