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दिल्ली सरकार के पास कर्मचारियों को देने के लिए नहीं बचे पैसे, केंद्र से मांगी मदद

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दिल्ली में कोरोना संक्रमण की रफ्तार पूरी तेजी से बढ़ रही है. राजधानी में कोरोना वायरस से अब तक 18549 लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि 416 लोगों की इस महामारी से मौत हो चुकी है. वहीं इस बीमारी से अब तक 8075 लोग ठीक हो चुके हैं. हालांकि दिल्ली में संक्रमण की रफ्तार को रोकने के लिए लॉकडाउन बरकरार रखने का फैसला किया गया है लेकिन इस लॉकडाउन से दिल्ली की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई है.

कोरोना संकट के कारण दिल्ली सरकार के पास अपने कर्मचारियों को देने के लिए भी पैसे नहीं बचे हैं. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि दिल्ली सरकार के सामने सबसे बड़ा संकट है कि अपने कर्मचारियों की सैलरी कैसे दी जाए.

मनीष सिसोदिया ने कहा, “दिल्ली सरकार को केवल सैलरी देने और ऑफिस के खर्च को उठाने के लिए 3,500 करोड़ रुपये हर महीने जरूरत है, जबकि पिछले दो महीने में करों से 500-500 करोड़ रुपये इकट्ठा हुए हैं, बाकी और स्त्रोत्रों से मिलाकर दिल्ली सरकार के पास कुल 1,735 करोड़ रुपये आए हैं.” उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की वजह से दिल्ली सरकार का टैक्स कलेक्शन करीब 85 फीसदी नीचे चल रहा है.

 

सिसोदिया ने कहा, “इस समय दिल्ली सरकार के सामने सबसे बड़ा संकट है कि अपने कर्मचारियों की सैलरी कैसे दी जाए. मैंने केंद्र सरकार से तुरंत राहत के तौर पर 5,000 करोड़ रुपये की मांग की है. मैंने केंद्रीय वित्त मंत्री जी को चिट्ठी लिखी है.”

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