पुलिस कस्टडी में जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन व्हाइट हाउस तक पहुंच गया. पुलिस लगातार स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिश कर रही है. इस बीच फेसबुक से जुड़ी एक खबर सामने आ रही है. फ़ेसबुक के कर्मचारियों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक विवादास्पाद पोस्ट को नहीं हटाने को लेकर अपनी कंपनी के फ़ैसले पर असंतोष जाहिर किया है.
पुलिस कस्टडी में जॉर्ज फ़्लॉयड की मौत को लेकर मिनेपोलिस में हो रहे प्रदर्शनों पर ट्रंप ने अपने एक ट्वीट को फ़ेसबुक पर भी पोस्ट किया था. राष्ट्रपति ट्रंप ने ये पोस्ट पिछले हफ़्ते किया था. ट्विटर ने ट्रंप के इस ट्वीट पर वॉर्निंग जारी की है. ट्विटर का कहना है कि ये हिंसा को बढावा देता जबकि फे़सबुक की राय ये पोस्ट कंपनी की पॉलिसी का उल्लंघन नहीं करता है. साथ ही फेसबुक के कुछ कर्मचारियों ने कहा है कि कंपनी के इस फैसले पर वे शर्मिंदा हैं.
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि वे हिंसा पर काबू पाने के लिए “नेशनल गार्ड की तैनाती करेंगे” और ये भी चेतावनी दी थी कि “जब लूट शुरू होगी तो शूटिंग भी शुरू होगी.” तब फ़ेसबुक के संस्थापक मार्क ज़ुकरबर्ग के मुताबिक, ट्रंप के पोस्ट से हिंसा भड़काने को लेकर कंपनी की नीति का उल्लंघन नहीं हुआ है. इसकी वजह से उस पोस्ट को नहीं हटाया गया. हालांकि जुकरबर्ग के इस फैसले से फेसकुब के कर्मचारी खुश नहीं दिखे और उन्होंने उसका बहिस्कार करते हुए अपना काम छोड़ने की बात कही थी.
I work at Facebook and I am not proud of how we’re showing up. The majority of coworkers I’ve spoken to feel the same way. We are making our voice heard.
— Jason Toff (@jasontoff) June 1, 2020
मालूम हो कि अमेरिका में पुलिस हिरासत के दौरान अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद अमेरिका एक बार फिर से श्वेत और अश्वेत की लड़ाई से झुलस रहा है. अमेरिका के कई शहरों में हिंसा भड़क गई है. प्रदर्शनकारियों की तरफ से लूट पाट की भी खबरें सामने आ रही हैं. पुलिस की गाड़ियों के साथ ही साथ कई इमारतों को आग के हवाले कर दिया गया है. प्रशासन ने वाशिंगटन समेत 40 शहरों में कर्फ्यू लगा दिया है. राष्ट्रपति ट्रंप ने सभी प्रभावित शहरों के गवर्नरों बातचीत कर दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है.
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