कोरोना महामारी की वजह से देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई है. हालंकि इस बीच केंद्र सरकार ने तालाबंदी में छूट देकर आर्थिक गतिविधियों को एक बार से पटरी पर लाने के लिए कोशिश शुरू कर दी है. वहीं इस बीच वित्त मंत्रालय ने आदेश जारी कर साफ कर दिया कि नए आदेश तक कोई भी मंत्रालय नई योजनाओं शुरू नहीं कर पाएगी. हालंकि अगले एक वर्ष तक सिर्फ प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और आत्मनिर्भर भारत योजना पर कोई रोक नहीं लगाई जाएगी.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित देश की अर्थव्यवस्था को एक बार फिर से पटरी पर लाने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है, जिसे दुनियाभर के देशों द्वारा कोरोना के महामारी से निपटने के लिए घोषित पैकेजों में सबसे बड़ा पैकेज माना जाता है.
In-principle approval for such schemes will not be given this financial year. Initiation of new schemes already appraised/approved will remain suspended for one year till march 31, 2021 or till further orders whichever is earlier:
Finance Ministry https://t.co/gMDW7ODwfN— ANI (@ANI) June 5, 2020
गौरतलब हो कि भारतीय उद्योग परिसंघ ने आगाह किया है कि सरकार को राजकोषीय घाटे को बढ़ने से रोकने के उपाय करने चाहिए. सीआईआई के अनुसार राजकोषीय घाटा बढ़ने से देश की रेटिंग घट सकती है. जिससे अर्थव्यवस्था को कई अन्य परिणाम भी झेलना पड़ सकता है.
लंबे तालाबंदी के बाद विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमलावर रही है. इतना ही नहीं कैसे कम से कम खर्च किया जाए इसको लेकर सोनिया गांधी ने मोदी को सलाह भी दे चुकीं हैं. इतना ही नहीं देश की अर्थव्यवस्था को एक बार फिर से पटरी पर लाने के लिए राहुल गांधी भी लगातार लोगों से बातचीत कर उनसे सलाह मांग रहे हैं.
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