कोरोना महामारी के दौरान इस वायरस के कारण जहां रोज सैकड़ों लोग मर रहे हैं तो वहीं अस्पताल की सुविधा न मिल पाने की वजह से कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है. उत्तर प्रदेश के नोएडा में अस्पताल खोजते-खोजते एक गर्भवती महिला की मौत हो गई. साथ ही गर्भ में पल रहे बच्चे भी मर गए. वहीं इस मामले में राज्य सरकार ने जांच गठित कर दी है.
महिला की मौत के बाद अस्पताल की व्यावस्था पर सवाल खड़े होने लगे हैं. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा इस मामले में गहरा दुख जताया है. हालांकि मौजूदा मामले पर सीएम अरविंद ने संज्ञान लिया है और कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं.
अखिलेश ने ट्वीट करके कहा, प्रसव के लिए अस्पताल खोजते-खोजते एक गर्भवती महिला की मृत्यु अति दुखद है. उन्होंने पूछा सरकार यह बताए कि अगर वो कोरोना के लिए 1 लाख बेड के इंतज़ाम का दावा करती है, तो आनेवाली पीढ़ियों के लिए कुछ बेड आरक्षित क्यों नहीं रखे. भाजपा सरकार ये भी बताए कि उसने अब तक कितने अस्पताल बनाए हैं.
हालांकि योगी सरकार हमेशा से दावा कर रही है कि यूपी में बेड की कोई दिक्कत नहीं है. बाकी बीमारियों के भी इलाज के लिए पूरा इंतजाम है. निजी अस्पतालों को खोला जा रहा है. खबरों के मुताबिक शनिवार को 7 अस्पतालों के चक्कर लगाने के बावजूद किसी भी अस्पताल ने गर्भवती को एडमिट नहीं किया. मृतक के परिजनों ने बताया कि जहां भी गए सब यही बता रहे हैं कि बेड खाली नहीं है जिसके बाद गर्भवती महिला ने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया.
मालूम हो कि दिल्ली से सटे नोएडा में करीब-करीब सभी बड़े अस्पतालों की यूनिट हैं. जिले में स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं को राजधानी के स्तर का बताया जाता है लेकिन मौजूदा घटना ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं. अगर नोएडा जैसे विकसित जिले की ये स्थिति है तो राज्य के दूसरे जिलों का अंदाजा लगाया जा सकता है.
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