देश में जारी कोरोना संकट के बीच लगातार भूकंप के झटके भी चिंता का विषय बने हुए हैं. खासतौर से राजधानी दिल्ली और एनसीआर में लगातार भूकंप के झटकों ने परेशान कर रखा है. दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर सोमवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिएक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 2.1 मापी गई. भूकंप का केंद्र गुरुग्राम में था.
मालूम हो कि करीब दो महीने से दिल्ली-एनसीआर में भूकंप का केंद्र बना हुआ है. आलम ये है कि दिल्ली सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र(एनसीआर) में पिछले 58 दिनों में 12 बार भूकंप के झटके लग चुके हैं. पिछले बुधवार को भी कम तीव्रता के झटके महसूस किए गए थे. भूकंप का केंद्र दक्षिण पूर्व नोएडा था.
लॉकडाउन के समय दिल्लीवासियों के लिए भूकंप की समस्या और बड़ी हो गई थी क्योंकि सरकार के दिशानिर्देशों के मुताबिक सबको घर में रहना होता था लेकिन बार-बार भूकंप के झटकों की वजह से उन्हें घरों से बाहर निकलना पड़ता था. लगातार आ रहे भूकंप के पीछे विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वक्त में यह एनसीआर के लिए बड़े खतरे का संकेत है.लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है.
बताया जा रहा है कि दिल्ली-एनसीआर में धरती के अंदर प्लेटों के एक्टिव होने से ऊर्जा निकल रही है, जिससे रह-रहकर झटके महसूस हो रहे हैं. हालांकि इनमें से ज़्यादातर भूकम्प काफ़ी कम तीव्रता वाले थे और इसलिए इनका झटका ज़्यादा महसूस नहीं किया गया. हालांकि शुक्रवार यानि 29 मई को दिल्ली और आसपास के इलाक़े में झटका ज़ोर का था जिसने लोगों को डरा दिया. इसका केंद्र हरियाणा में रोहतक था और रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.5 थी.
पिछले 12 भूकंप के सिलसिले की शुरुआत 12 अप्रैल को हुई थी जब भूकंप का केंद्र दिल्ली में था. तब भूकंप की तीव्रता 3.5 मापी गई थी. इसके बाद मई में एक के बाद एक कई भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. गुरुग्राम और रोहतक में भी भूकंप ने लोगों के लिए चिंता बढा रखी है.
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