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हजारों सेवानिवृत्त कर्मचारियों को निकालेगा रेलवे, महामारी ने बिगाड़े हालात

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कोरोना महामारी के कारण भारती रेलवे वित्तिय संकट के दौर से गुजर रही है. ऐसे में अब रेलवे उन हजारों सेवानिवृत्त भारतीय रेलवे के कर्मचारियों को निकालने जा रही है जिन्हें पिछले साल फिर से काम पर रखा गए था. दिप्रिंट की खबर के मुताबिक, रेलवे ने लॉकडाउन की मार को कम करने के लिए अपने खर्चों में कटौती करने को ध्यान में रखकर यह कदम उठाने का फैसला किया है.

हालांकि, यह कदम अन्य कारण से भी प्रेरित है, जैसे कि सेवानिवृत्त लोगों की बढ़ती उम्र के हिसाब से कोविड-19 से खतरा भी है. रेलवे में उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि इन नौकरियों में कटौती से ट्रांसपोर्टर को वेतन बिलों में करोड़ों की बचत होगी. इनमें अधिकांश जूनियर कर्मचारी शामिल हैं, जो ट्रैक मशीन, पुल और इसी तरह की तकनीकी सुरक्षा श्रेणियों के संचालन में शामिल हैं. वे पेंशन के हकदार हैं, जो कि उन्हें मिलने वाली सैलरी का 50 फीसदी है.

अधिकारी ने कहा, ‘जो फिर से लगे हुए हैं वे 60 से अधिक आयु वर्ग में हैं और कोविड -19 के लिए बहुत कमजोर हैं, यह महसूस किया जाता है कि उनकी सेवाओं को समाप्त करना एक विवेकपूर्ण कार्य होगा. इसके अलावा, ऐसा करने से प्रति माह सरकारी खजाने को सैकड़ों करोड़ की बचत होगी.’

सूत्रों के मुताबिक, जोनल रेलवे महामारी के कारण कम समय में पैसा बचाने के लिए तत्काल प्रभाव से फिर से लगे कर्मचारियों की सेवाओं को समाप्त करने की मांग कर रहा है. दक्षिणी रेलवे और दक्षिणी पूर्वी रेलवे जैसे कुछ क्षेत्रों ने पहले ही मई में कर्मचारियों की सेवाओं को समाप्त कर दिया था. 5 मई को लिखे पत्र में दक्षिणी रेलवे ने कहा, ‘लॉकडाउन के कारण आंशिक उपस्थिति को देखते हुए और 60 साल से ऊपर के लोगों में कोविड-19 का अधिक जोखिम होने के कारण यह तय किया गया है कि दिए गए विवरण के अनुसार दक्षिणी रेलवे की सभी कार्यशालाओं के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के सभी सेवाओं को समाप्त करने के लिए विधिवत रूप से 15 दिनों के नोटिस दिए गए हैं.’

गौरतलब है कि 2019 में रेलवे बोर्ड ने एक योजना को मंजूरी दी थी, जिसका उद्देश्य दो साल के लिए हजारों रिक्तियों को अनुबंधित और ‘प्रयोगात्मक आधार’ पर भरने के लिए अपने रिटायर पूल का दोहन करना था. यह योजना वेतन ग्रेड स्तर 1 से 7 में सीधी भर्ती कोटा के लिए ‘स्पष्ट रिक्तियों के खिलाफ’ की अनुमति देने के लिए थी, जिसका अर्थ है कि अधिकांश जूनियर- स्तरों पर भर्ती करना था.

मालूम हो कि कोरोना संकट के कारण देश में दो महीने से ज्यादा समय तक लॉकडाउन की स्थिति रही. ऐसे में रेलवे सेवा एकदम ठप्प रही. फिलहाल कुछ रूटों पर ट्रेन सेवाएं बहाल कर दी गई हैं लेकिन इसके बावजूद रेलवे पर आर्थिक संकट का खतरा मंडरा रहा है. अभी रेलवे को पूर्ण रूप से सेवा बहाल करने में समय लगेगा. ऐसे में मौजूदा हालात को काबू में लाने के लिए उसे कुछ सख्त कदम उठाने पड़ सकते हैं.

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