कोरोना संकटकाल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत की आगाज की है. इस अभियान के तहत आज उन्होंने निजी क्षेत्र में कोयला खदानों की नीलामी प्रक्रिया की शुरूवात की. इस मौके पर अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि खनिज और खनन हमारी अर्थव्यवस्था के मजबूत खंभे हैं इसके बिना भारत का आत्मनिर्भर बनना संभव नहीं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संबोधन में कोरोना महामारी का भी उल्लेख किया और कहा कि भारत कोरोना जैसी आपदा की वजह से रोने वाला देश नहीं है, बल्कि ऐसी आपदाओं को अवसर में बदलने वाला देश है. देश कोरोना के खिलाफ लड़ेगा भी और आगे बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह मौजूदा हालात ने भारत को आत्मनिर्भर भारत होने का सबक सीखाया है.
इस मौके पर उन्होंने आत्मनिर्भर भारत की अलग-अलग व्याख्या बताते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत आयात पर अपनी निर्भरता को कम करेगा. आत्मनिर्भर भारत आयात खर्च पर होने वाली लाखों करोड़ों रुपये की विदेशी मुद्रा को बचाएगा. आत्मनिर्भर भारत यानि की भारत को आयात न करना पड़े. आत्मनिर्भर भारत यानी देश में ही साधन और संसाधन विकसित किए जाए.
एक ट्वीट के जरिए पीएम ने कहा कि जो देश कोयला भंडार के हिसाब से दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश हो, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक हो, वह देश कोयले का निर्यात नहीं करता, बल्कि वह देश दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कोयला आयातक है. पीएम मोदी ने कहा कि साल 2014 के बाद इस स्थिति को बदलने के लिए एक के बाद एक कई कदम उठाए गए. जिस कोल लिंकेज की बात कोई सोच नहीं सकता था, वो हमने करके दिखाया. ऐसे कदमों के कारण कोयला क्षेत्र को मजबूती भी मिली.
वाणिज्यिक खनन के लिए 41 कोयला खदानों की नीलामी शुरू करने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र ने देश की अवाम से कहा, ‘आप अपना विश्वास, अपना हौसला बुलंद रखिए, हम ये कर सकते हैं. हम आत्मनिर्भर भारत बन सकते हैं. हम आत्मनिर्भर भारत बना सकते हैं.
https://archivehindi.gujaratexclsive.in/pm-modi-will-address-the-country-on-the-occasion-of-international-yoga-day/