भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद पर अमेरिका ने भी पैनी नजर बना रखी है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह भारत-चीन के मध्य उपजे तनाव पर नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख की गलवन घाटी में दोनों सेनाओं के बीच हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बनाव बना हुआ है. दोनों देश एक कठिन परिस्थिति से गुजर रहे हैं. राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के साथ लंबे संघर्ष के मूड में नहीं दिखे. मोदी शांतिपूर्ण माध्यम से सीमा विवाद का निस्तारण चाहते हैं.
ओकलाहोमा में कोविड-19 संकट के बीच अपनी पहली चुनावी रैली को संबोधित करने जाने के लिए मरीन वन पर सवार होने से पहले ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह बहुत ही मुश्किल हालात हैं. हम भारत से बात कर रहे हैं. हम चीन से भी बात कर रहे हैं. वहां उनके बीच बड़ी समस्या है.’’
भारत और चीन के बीच बने हालात को लेकर ट्रंप से उनके आकलन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘वहां उनके बीच टकराव है. देखते हैं क्या होता है. हम उनकी मदद करने का प्रयास करेंगे.’’ बीते कुछ दिन से पूरा ट्रंप प्रशासन पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय क्षेत्र में चीन की सेना की अवैध घुसपैठ के मामले में भारत के पक्ष में खड़ा नजर आया है.
ट्रंप ने व्हाइट हाउस के बाहर संवाददाताओं से कहा कि 15 जून को चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़पों में 20 भारतीय सेना के जवानों के मारे जाने के बाद दिल्ली और बीजिंग के बीच तनाव बढ़ गया है. चीनी पक्ष की ओर से हताहतों की संख्या बताई गई है, लेकिन सटीक आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं. दोनों देशों के लिए यह एक कठिन परिस्थिति है. हम भारत और चीन के निरंतर संपर्क में हैं. वहां एक बड़ी समस्या है. दोनों पक्ष मारपीट पर उतर आए हैं. ट्रंप ने आगे कहा कि हम यह देखेंगे कि क्या होता है. हम उनकी मदद करने की कोशिश कर रहे हैं.
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