राजेंद्र गोयल कभी भारत के लिए क्रिकेट नहीं खेल पाए लेकिन उन्हें घरेलू क्रिकेट में जो पहचान मिली, उसे आज भी कोई हासिल नहीं कर सकता. 71 वर्षीय राजेंद्र गोयल अब हमारे बीच नहीं रहे. देश के दिग्गज क्रिकेटर राजेंद्र गोयल का रविवार को रोहतक में निधन हो गया. उनका अंतिम संस्कार आज शीला बाईपास स्थित श्मशानघाट में किया गया. उन्हें कैंसर था और कोरोना वायरस महामारी के चलते घर में ही इलाज चल रहा था. उनके निधन पर खेल जगत की कई हस्तियों ने दुख जताया है.
कभी राजेंद्र गोयल की फिरकी के सामने दिग्गज बल्लेबाज भी डरते थे जिनमें महान भारतीय बल्लेबाज सुनील गावस्कर का नाम भी शामिल था. माना जाता है कि गोयल की गेंदबाजी के सामने गावस्कर आने से डरते थे. घरेलू क्रिकेट में राजेंद्र गोयल के नाम सबसे ज्यादा विकेट का रिकॉर्ड कायम है. आज तक कोई भी उनके बराबर रणजी ट्राफी के इतिहास में विकेट नहीं ले पाया है. हालांकि वे कभी भारत के लिए नहीं खेल पाए जिसको लेकर कई बार सवाल उठे.
बाएं हाथ के स्पिनर राजेंद्र गोयल ने 157 प्रथम श्रेणी मैच खेले जिसमें उन्होंने 750 विकेट हासिल किए. 640 विकेट उन्होंने 123 रणजी ट्रॉफी मैचों में लिए थे. उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 55 रन देकर आठ विकेट रहा. 24 साल तक वे घरेलू क्रिकेट खेले. 2017 में राजेंद्र गोयल को बीसीसीआइ ने सीके नायडू लाइफटाइल अचीवमेंट अवार्ड से भी नवाजा था.
राजेंद्र गोयल के निधन पर बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. गांगुली ने कहा कि हमने एक महान क्रिकेटर को खो दिया, उनके रिकार्ड्स बताते हैं कि वह कितने शानदार थे. महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने राजेंद्र गोयल को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा- डोमेस्टिक क्रिकेट में महान थे राजिंदर गोयल जी, उन्होंने 600 से अधिक विकेट लिए. भगवान् उनकी आत्मा को शांति दे.
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