अनिल पुष्पांगदन, गांधीनगर: गुजरात पूर्व मुख्यमंत्री और कद्दावर नेता शंकर सिंह वाघेला ने मात्र 16 महीनों में राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से अलग होकर पार्टी के तमाम पदों से इस्तीफा दे दिया. शंकर सिंह “बापू” ने राकांपा से इस्तीफा देने के बाद आने वाले दिनों में प्रजाशक्ति मोर्चा के नाम से एक जन आंदोलन शुरू करेंगे.
गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला ने काफी दिनों से चलने वाली अटकलों पर अपना इस्तीफा देकर रोक लगा दी है. वाघेला पिछले साल फरवरी में एनसीपी में शामिल हुए थे. राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने उन्हें गुजरात प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही साथ राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी दी थी. लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आने के बाद से शंकर सिंह वाघेला सक्रिय राजनीति में लौटे थे. उन्होंने अलग-अलग जिलों का प्रवास कर लोगों की परेशानी को खत्म करने के लिए आंदोलन शुरू किया था. लेकिन फरवरी 2019 से जून 2020 तक सिर्फ 16 महीने की छोटे से सियासी सफर के बाद शंकर सिंह वाघेला ने एनसीपी को अलविदा कह दिया.
गुजरात राज्यसभा चुनाव से पहले ही शंकरसिंह वाघेला ने संकेत दिया था कि वह किसी भी वक्त एनसीपी से इस्तीफा दे सकते हैं, गुजरात में होने वाली 4 राज्यसभा चुनावों के बिल्कुल बाद ही उन्होंने पार्टी से अलग होने का फैसला ले लिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार को भेज दिया है.
एनसीपी को अलविदा कहने के बाद शंकर सिंह वाघेला जल्द ही प्रजाशक्ति मोर्चा नामक जन आंदोलन शुरू कर अपने नए सियासी पारी का आगाज करेंगे. वह लोगों के बीच भी जाएंगे और जमीन से जुड़े उन मस्लों को उठाएंगे जिससे आम आदमियों को हर दिन दो-चार होना पड़ रहा है. जिला-तालुका पंचायत और नगरपालिका के चुनावों से पहले वह राज्य के सभी जिलों का दौरा करेंगे और स्थानीय लोगों के साथ चर्चा करेंगे.
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