महिला अंतरिक्ष यात्रियों को टॉयलेट के लिए कई परेशानियों का सामना करना पड़ता था लेकिन अब वह दूर होने जा रही है. महिला अंतरिक्ष यात्रियों के लिए अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने यूनिवर्सल वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम नामक एक टॉयलेट तैयार किया है. नासा ने इसे 174 करोड़ रुपये की लागत से बनाया है.
नासा द्वारा तैयार कराए गए इस टॉयलेट को पूरा होने में छह साल लगे. बताया जा रहा है कि नासा इस टॉयलेट को इसी साल दिसंबर तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में भेजेगा. ऐसे में अब अंतरिक्ष की यात्रा करने वाली महिलाओं को टॉयलेट की एक बड़ी समस्या से निजात मिलने की उम्मीद है.
पिछले कई दशक से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में पुराने मॉडल के माइक्रोग्रैविटी टॉयलेट का इस्तेमाल किया जा रहा था जिससे महिला अंतरिक्ष यात्रियों को काफी परेशानी हो रही थी. माइक्रोग्रैविटी टॉयलेट रोज अंतरिक्ष यात्रियों को ध्यान में रखकर बनाए जाते थे. पुराने टॉयलेट में महिला अंतरिक्ष यात्रियों के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं थी. नासा की ओर से बनाया गया टॉयलेट महिला और पुरुष दोनों के लिए होगा.
खबरों के मुताबिक, 2024 तक चांद पर अर्टीमस मिशन के तहत एक महिला और एक पुरुष को अंतरिक्ष भेजे जाने की तैयारी है जिसमें नए टॉयलेट का परीक्षण किया जाएगा. नए टॉयलेट में महिलाओं के लिए फनल सेक्शन सिस्टम होगा और अंतरिक्ष यात्री खुद को बेहतर तरीके से फिट कर सकें, इसके लिए स्पेशल डिजाइन बनाया गया है. पुराने मॉडल वाला टॉयलेट मल को खींचकर उसे रिसाइकल कर देता था लेकिन नए टॉयलेट में फनल फंक्शन सिस्टम होगा. इससे अंतरिक्ष में रहते हुए अंतरिक्ष यात्री टॉयलेट का इस्तेमाल कर सकेंगे.
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