देश के कई राज्य अरबन डेवलपमेंट (यूडी) टैक्स वसूलने का जिम्मा निजी कंपनियों के हाथों में दे रखा है. अब राजस्थान भी उन राज्यों में शामिल होने जा रहा है जहां यूडी टैक्स निजी कंपनियों वसूला करेंगी. प्रदेश के बड़े नगरीय निकायों ने ये काम अब प्राइवेट कंपनी को सौंपेने की तैयारी कर ली है. राज्य सरकार से मंजूरी मिलने के बाद अब निकायों ने इस बारे में टेंडर भी जारी कर दिए हैं. जल्द ही नए सर्वे के आधार पर इसको लेकर काम शुरू होगा.
मालूम हो कि हरियाणा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और दिल्ली में यूडी टैक्स वसूलने का काम प्राइवेट कंपनी ही करती हैं. इन चारों राज्यों में यूडी टैक्स वसूलने को लेकर अपनाई जा रही नीति का, राजस्थान सरकार के स्वायत्त शासन विभाग के अधिकारियों ने अध्ययन किया था, जिसके बाद प्रस्ताव को यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने मंजूरी दी थी.
हालांकि, जयपुर नगर निगम प्रशासन लगातार बकाया टैक्स वसूली को लेकर बकाया ब्याज में छूट, ऑनलाईन सेल्फ टैक्स असेसमेंट करने सहित कई छूट और राहत दे चुकी हैं. लेकिन उसके बावजूद भी टैक्स नहीं वसूला जा सका. अब राजस्थान में सबसे पहले राजधानी जयपुर में यूडी टैक्स वसूलने का काम प्राइवेट कंपनी को देने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई हैं. यह कंपनी डोर-टू-डोर सर्वे कर यूडी टैक्स का निर्धारण करेगी और फिर वसूली का काम भी करेगी. सरकार का मानना है कि, इससे राजस्व में बढ़ोतरी होगी और बढ़े हुए राजस्व का उपयोग शहर के विकास में किया जा सकेगा.
जयपुर नगर निगम के अधिकारियों की मानें तो उनका कहना हैं कि, निगम की आय बढ़ेगी तो आम लोगों को सीवरेज, लाइट और पार्क जैसी आवश्यक सुविधाएं मिलेंगी. वर्तमान में यूडी टैक्स वसूली का काम नहीं हो पा रहा है. जानकारी के अनुसार, सरकार चाहती है कि, निजी भवनों पर लगे होर्डिंग्स व ग्लो साइन बोर्ड से भी टैक्स वसूला जाए. अब तक ऐसे होर्डिंग से सरकार को कोई राजस्व नहीं मिलता है.
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