मशहूर गौरव दहिया-लीनू सिंह मामले में एक नया मोड़ आ गया है. ‘कदाचार’ और ‘नैतिक मर्यादा’ के लिए निलंबित चल रहे गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी गौरव ने कथित तौर पर उन्हें धमकाने, फिरौती मांगने और मानहानि के लिए दिल्ली में लीनू के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज कराई है. मालूम हो कि लीनू ने दावा किया था कि उन्होंने दहिया से शादी की थी और बच्चे को जन्म दिया था, जबकि गुजरात के इस नौकरशाह ने उन आरोपों का का खंडन किया है.
दिल्ली के मालवीय नगर पुलिस स्टेशन में दहिया द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में लीनू पर भारतीय दंड संहिता की धारा-189 (लोक सेवक को खतरा), धारा-384 (जबरन वसूली), धारा-389 (झूठे आरोप लगाना) और धारा-499 (मानहानि) सहित कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं.
दहिया ने कुलदीप दिनकर के खिलाफ भी आरोप लगाए हैं जिन्होंने कथित तौर पर लीनू से शादी की है और दावा किया है कि महिला ने इस आधार पर उससे आर्थिक सहायता मांगी है कि वह वित्तीय कठिनाइयों का सामना कर रही थी. गौरव दहिया ने दावा किया है कि लीनू की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है.
नौकरशाह ने एक व्हाट्सएप संदेश का हवाला दिया है जहां लीनू ने कथित रूप से उससे पैसे निकालने की कोशिश की थी. चैट के अनुसार, लीनू ने दिल्ली में एक फ्लैट, अहमदाबाद में एक घर और उनके जीवन से दूर रहने के लिए 20 करोड़ रुपये की मांग की थी. एफआईआर में मैसेज के हवाले से बताया गया है कि अगर उसकी मांगें पूरी होती हैं, तो वह किसी और से शादी कर लेंगी.
गौरव दहिया ने एफआईआर में यह भी दावा किया है कि लीनू उसे धमकी देती रहती थी कि वह आत्महत्या कर लेगी और उसे फंसाएगी. नौकरशाह ने महिला को “अविश्वसनीय” और “संदिग्ध चरित्र” का करार देते हुए लीनू की साख पर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने लीनू और उनके पति पर सोशल और मेनस्ट्रीम मीडिया पर उनके खिलाफ एक शातिर अभियान चलाने का भी आरोप लगाया है.
एफआईआर में गौरव दहिया ने मांग की है कि लीनू, उसके पति और उसके आपराधिक सहयोगियों को शादी को दबाने और फिर एक जाली तलाकनामा पेश करने के लिए भारतीय दंड संहिता की उचित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा है कि महिला, उसका पति और उसके आपराधिक सहयोगी अब भी उसे परेशान कर रहे हैं.
मालूम हो कि दहिया पर दूसरी शादी, धोखाधड़ी, आपराधिक धमकी और विश्वासघात के लिए दोषी ठहराने वाली लीनू ने पहले गुजरात एक्सक्लूसिव से कहा था कि वह गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से गांधीनगर में मिलने की कोशिश करेंगी ताकि इस मामले में गुजरात पुलिस निष्पक्ष जांच करे और पितृत्व परीक्षण हो सके. तब लीनू ने कहा था, “मैं नहीं चाहती कि अधिकारी सिर्फ इसलिए मेरी मदद करें क्योंकि मैं एक महिला हूं. मैं चाहती हूं कि मामले में निष्पक्ष जांच की जाए और पितृत्व परीक्षण किया जाए जिससे चीजें साफ हो सकें.
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