मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार बनाने के करीब 100 दिनों के बाद आज दूसरी बार शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमडंल का विस्तार हुआ. इस मौके पर राज्य की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल (अतिरिक्त प्रभार) ने राजभवन में कुल 28 मंत्रियों को शपथ दिलाई. जिसमें 20 कैबिनेट मंत्री और 8 राज्य मंत्री शामिल हैं. शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल में पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का दबदबा देखन को मिला. वहीं शिवराज सिंह चौहान भी खुद इस मंत्रिमंडल के खुश नहीं लग रहे. इस बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने भी अपनी नाराजगी का इजहार किया है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार पर अपनी नाराजगी का इजहार करते हुए कहा कि उसमें जातीय संतुलन का ख्याल नहीं रखा गया है. इसका मुझे दुख है. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल के गठन में मेरे सुझावों की पूर्णत: अनदेखी करना उन सबका अपमान है जिनसे मैं जुड़ी हुई हूँ.
आज होने वाली मंत्रिमंडल विस्तार में सिर्फ 4 चार चेहरे ऐसे हैं जिन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का करीबी बताया जाता है. इसलिए शिवराज सिंह भी इस विस्तार से खुश हों ऐसा नहीं लग रहा है क्योंकि उनका बयान आया था कि समुद्र मंथन से जो विष निकलता है उसे भगवान शंकर पी जाते हैं और अमृत सभी में बंटता है.
इस कैबिनेट विस्तार में कांग्रेस से बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे का दबदबा दिखा. मंत्रिमंडल में सिंधिया खेमे के 11 विधायकों को मंत्री पद से नवाजा गया. माना जा रहा है भाजपा हाईकमांड के इस फैसले से पार्टी से जुड़े पुराने नेता नाराज है. वहीं एक मत और सामने आ रहा है कि सिंधिया खेमे के विधायकों को तरजीह देकर भाजपा राज्य में होने वाले उपचुनाव में एक तीर से दो निशाना साधने की कोशिश कर रही है.
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