बिहार चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने एक बड़ा फैसला लिया है. देश में जारी कोरोना को देखते हुए चुनाव आयोग ने 65 साल की उम्र से अधिक के लोगों को पोस्टल बैलेट द्वारा अपने मताधिकार का प्रयोग करने की अनुमति दे दी है. इसके अलावा कोरोना से संक्रमित मरीज भी पोस्टल बैलट के जरिए वोट दे सकेंगे. खबरों के मुताबिक, चुनाव आयोग का यह फैसला बिहार चुनाव में लागू होगा. इसका उद्देश्य ज्यादा उम्र या अन्य शारीरिक अक्षमता के कारण पोलिंग स्टेशनों तक पहुंचने में असर्मथ वोटरों की भी मतदान में भागीदारी सुनिश्चित करना है.
दरअसल देश में इस समय कोरोना महामारी का दौर जारी है. कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों, गर्भवती महिलाओं, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और किडनी की बीमारियों सहित पुरानी बीमारी से ग्रसित लोगों के ज्यादा है. मेडिकल एक्सपर्ट्स और सरकार ने भी लगातार ऐसे लोगों को बाहर ना निकालने के लिए कहा है. समझा जा रहा है कि इसको ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है.
इससे पहले पोस्टल बैलेट का अधिकार 80 वर्ष तक के बुजुर्ग और दिव्यांगजनों को प्राप्त था. पिछले साल 22 अक्टूबर को कानून मंत्रालय द्वारा अधिसूचना के मुताबिक चुनाव में मत प्रतिशत बढ़ाने के लिए 80 साल के अधिक आयु के बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलेट से मतदान की सुविधा दी गई थी. उस वक्त मंत्रालय ने मतपत्र से मताधिकार देने के लिए निर्वाचन संचालन नियम 1961 में संशोधन करते हुए इन्हें ‘अनुपस्थित मतदाता’ की श्रेणी में शामिल किया था. मौजूदा व्यवस्था में सेना, अर्ध सैनिक बलों के जवानों और विदेशों में कार्यरत सरकारी कर्मचारियों व निर्वाचन ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों को ही डाक मतपत्र से वोट देने का अधिकार प्राप्त है.
https://archivehindi.gujaratexclsive.in/indian-railways-create-great-record/