दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज में वीजा शर्तों का उल्लंघन कर शामिल होने वाले 122 मलेशियाई नागरिकों को जमानत मिल गई है. दिल्ली के साकेत कोर्ट की चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गुरमोहिना कौर ने इन्हें राहत देते हुए 10-10 हजार रुपये का पर्सनल बॉन्ड भरने का आदेश दिया. इन पर अवैध रूप से मिशनरी के कार्यों में संलिप्त होने और कोरोना के मद्देनजर जारी सरकारी निर्देशों का उल्लंघन करने का भी आरोप है. फिलहाल इन नागरिकों को बड़ी राहत मिली है.
मलेशियाई नागरिकों ने याचिका के शीघ्र निपटारे के लिए 8 जुलाई के लिए मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ मलिक के समक्ष सूचीबद्ध होने वाली याचिका के लिए भी आवेदन दायर किए. सुनवाई के दौरान ये सभी विदेशी नागरिक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये अदालत के समक्ष पेश हुए. उनकी पहचान मलेशियाई उच्चायोग के संबंधित अधिकारी के साथ-साथ जांच अधिकारी ने की.
मालूम हो कि कोरोना को लेकर केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों और राज्य सरकारों एवं पुलिस के आदेश का उल्लंघन करने पर हजारों जमातियों के खिलाफ विभिन्न राज्यों में आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे, जिनकी सुनवाई अदालतों में लंबित है. ये सभी नागरिक एक होटल में ठहरे हुए हैं.
केन्द्र सरकार ने हजारों जमातियों को ब्लैक लिस्ट करके उनके वीजा रद्द कर दिए थे, जिनमें से 34 विदेशी जमातियों ने सरकार के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की हैं. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को करने का निर्णय लिया.
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