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विकास दुबे पुलिस के एनकाउंटर में मारा गया, गाड़ी पलटने के बाद भागने की थी कोशिश

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कानपुर पुलिस हत्याकांड का मुख्य आरोप विकास दुबे को एसटीएफ ने एनकाउंटर में मार गिराया है. आज सुबह कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों का हत्यारा विकास दुबे शुक्रवार सुबह पुलिस एनकाउंटर में मारा गया. विकास दुबे को उज्जैन से कानपुर ला रही यूपी STF की काफिले की गाड़ी आज सुबह दुर्घटनाग्रस्त हो गई. हादसा कानपुर टोल प्लाजा से 25 किलोमीटर दूर हुआ.

यूपी एसटीएफ की टीम विकास दुबे को लेकर जैसे ही कानपुर पहुंची, वह गाड़ी में सुरक्षाकर्मियों की पिस्टल छीनने लगा. इसी बीच संतुलन बिगड़ने के बाद गाड़ी पलट गई. गाड़ी पलटते ही विकास पुलिस पर फायरिंगकर भागने लगा. सुरक्षाकर्मियों ने भी अपने बचाव में गोलियां चलाईं। मुठभेड़ में विकास गंभीर रूप से घायल हो गया. सुरक्षाकर्मी उसे लेकर हैलट अस्पताल पहुंचे जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इस कार हादसे में तीन पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

मालूम हो कि विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद पुलिस उससे लगातार पूछताछ की. इस दौरान उसने कई बड़े खुलासे किए. विकास दुबे ने कहा कि वह पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद शवों को जलाना चाहता था. जलाने के लिए शवों को एक जगह इकट्ठा किया गया था और तेल का इंतजाम भी कर लिया गया था.

विकास ने पुलिसकर्मियों के संपर्क में होने की बात भी कही. विकास दुबे ने कहा कि हमें सूचना थी कि पुलिस सुबह आएगी. पुलिस रात में ही छापेमारी के लिए आ गई. डर था कि पुलिस एनकाउंटर कर देगी.

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे साल 2001 में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी था. साल 2000 में कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कलेज के सहायक प्रबंधक सिद्घेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास दुबे का नाम आया था. कानपुर हत्याकांड में उसके ऊपर पांच लाख का इनाम था.

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