गुजरात में पहले कोरोना वायरस के कारण अहमदाबाद की स्थिति बेहद खराब हो चली थी लेकिन अब पीएम मोदी के गृहजिले में स्थिति संभल चुकी है लेकिन डायमंड सिटी यानी सूरत में हालात बिगड़ रहे हैं. राज्य का सूरत जिला राज्य में कोरोना संक्रमण के केन्द्र के तौर पर उभर रहा है. सूरत में अब तक संक्रमित 7274, मृतकों की संख्या 278, स्वस्थ हुए 4352, एक्टीव मरीज 2639 हैं.
हालांकि सूरत में कोरोना से मरने वालों की संख्या को लेकर सवाल उठ रहे हैं. दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सूरत में अब रोजाना श्मशान और कब्रिस्तान में 48 से अधिक शव पहुंच रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले तीन दिनों में शहर में 170 और एक हफ्ते में 390 बॉडीज का अंतिम संस्कार कोविड गाइडलाइन के अनुसार ही किया गया है. इसलिए सवाल उठता है कि जब सरकार सूरत में कोरोना से मरने वालो की संख्या 278 बता रही है तो फिर पिछले एक हफ्ते में ही 390 बॉडीज की अंतिम क्रिया कोविड गाइडलाइन के अनुसार क्यों की गई.
राज्य में जो समाजसेवी संस्थाएं कोविड-19 के मृतकों की अंतिम क्रिया करवा रहीं हैं, उन्हें भी सरकारी अस्पतालों के जटिल नियमों का सामना करना पड़ रहा है. खासतौर पर सूरत के स्मीमेर अस्पताल में मृतदेह काले रंग की प्लास्टिक में इस तरह से उल्टी लपेटी जाती हैं.
मालूम हो कि गुजरात में कोरोना संक्रमण पर काबू पानी की सारी कवायतें कम साबित हो रही हैं. रोजाना आ रहे रिकॉर्ड मामलों की वजह से राज्य में कोरोना संक्रमित मामलों की संख्या 40 हजार के पार पहुंच गई है. गुजरात में पिछले 24 घंटों में 875 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 14 और मरीजों की मौत हुई है. वहीं आज 441 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दी गई. ताजा मामलों में से सूरत कॉर्पोरेशन में सर्वाधिक 202 मरीज सामने आए हैं. गुजरात स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, राज्य में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 40,115 हो गई है जबकि मरने वालों का आंकड़ा 2024 पहुंच गया है.
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