पूरी दुनिया कोरोना वायरस से आहत है. तबाही का मंजर कुछ ऐसा है कि हर रोज कोरोना से हजारों लोग दम तोड़ रहे हैं और लाखों लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं. पूरी दुनिया इस संक्रमण के वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. इस बीच रूस से एक अच्छी और राहत देने वाली खबर सामने आई है. रूस के सेचेनोव विश्वविद्यालय का दावा है कि उसने कोविड-19 के लिए वैक्सीन तैयार कर ली है और इसके सभी ट्रायल सफल रहे हैं. साथ ही यह भी दावा किया गया है कि यह वायरस के खिलाफ लड़ने में सक्षम है.
रूस के सेचेनोव विश्वविद्यलय द्वारा तैयार इस वैक्सीन का नाम Gam-COVID-Vac Lyo रखा गया है. यूनिवर्सिटी के मुताबिक, इंसानों पर वैक्सीन का ट्रायल सफल रहा है. सेचनोव यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल पैरासिटोलॉजी ट्रॉपिकल एंड वेक्टर-बॉर्न डिसीज के डायरेक्टर अलेक्जेंडर लुकाशेव का कहना है, हमारा मकसद इंसानों को सुरक्षा देने के लिए कोविड-19 की वैक्सीन को सफलतापूर्वक तैयार करना था. अलेक्जेंडर के मुताबिक, सुरक्षा के लिहाज से वैक्सीन की जांच की जा चुकी है. जल्द ही यह बाजार में उपलब्ध होगी.
18 जून को शुरू हुआ था ट्रायल
वहीं इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसलेशनल मेडिसिन एंड बायोटेक्नोलॉजी के निदेशक वदिम तरासोव ने कहा कि विश्वविद्यालय ने 18 जून को रूस के गेमली इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी की तरफ से वैक्सीन का ट्रायल शुरू किया था. रूस के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, वैक्सीन में वॉलंटियर के दो समूह शामिल किए गए हैं और ट्रायल 15 जुलाई को खत्म होगा. 13 जुलाई को दूसरे समूह के वॉलंटियर्स में वैक्सीन का दूसरा हिस्सा इंजेक्ट किया जाएगा. जो इन्हें लम्बे समय तक इम्युनिटी देंगे.
दो साल तक कोरोना से बचाने की गारंटी
वैक्सीन तैयार करने वाले गेमली इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी के डायरेक्टर अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने रूस के रक्षा मंत्रालय के आधिकारिक अखबार क्रासन्या ज़वेजदा से कहा, पहले और दूसरे का वैक्सीन ट्रायल पूरा हो गया है. यह वायरस से लड़ने के लिए शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाएगी और उसे लम्बे समय तक बरकरार रखेगी. अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग का दावा है कि इस बात की गारंटी है कि वैक्सीन अगले दो साल तक कोरोना से बचाएगी.
नई दवा कोरोनाविर तैयार करने का भी दावा
हाल ही में रूस की फार्मा कम्पनी आर-फार्म ने कोविड-19 के इलाज के लिए नई दवा भी तैयार की. नई एंटीवायरल दवा का नाम कोरोनाविर रखा गया है. क्लीनिकल ट्रायल के बाद दवा को कोविड-19 के मरीजों पर इलाज के लिए अनुमति दी गई. कम्पनी का दावा है कि यह दवा कोरोना के मरीजों पर बेहतर असर करती है.
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