शनिवार का दिन एकबार फिर राजस्थान की राजनीति के लिए आरोप-प्रत्यारोप भरा रहा है. सुबह बीजेपी ने टेप मामले पर सीबीआई जांच की मांग की तो वहीं कांग्रेस ने एकबार फिर भाजपा पर सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस ने राजस्थान में ऑडियो क्लिप मामले की बीजेपी द्वारा सीबीआई जांच की मांग किए जाने के बाद कहा कि केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी ने खुलकर स्वीकार कर लिया कि उसने अशोक गहलोत सरकार को अस्थिर करने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त की.
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने यह भी कहा कि कांग्रेस के दरवाजे आज भी पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और बागी विधायकों के लिए खुले हैं. पवन खेड़ा ने कहा, ”राजस्थान में लोकतंत्र की हत्या के प्रयासों का खुला खेल पिछले कुछ दिनों से जाहिर हो रहा था. आज बीजेपी ने स्वीकार कर लिया कि खरीद-फरोख्त हुई, लोकतंत्र की हत्या हुई और संविधान को कुचला गया. उन्हें आपत्ति सिर्फ इस बात की है कि जब यह सब हो रहा था तो रिकॉर्डिंग क्यों हुई?”
पायलट जी बीजेपी के संरक्षण में क्यों बैठे हैं?
खेड़ा ने आरोप लगाया, ”इतिहास में पहली बार है कि जांच की एक सरकारी प्रक्रिया को रोकने के लिए बीजेपी खुलकर सामने आई और मानेसर के एक होटल में मौजूद कांग्रेस के विधायकों की आवाज के नमूने नहीं लेने दिया गया.” उन्होंने सवाल किया, ”पायलट जी, एक तरफ अदालत में आप साबित कर रहे हैं कि आप कांग्रेस का हिस्सा हैं और दूसरी तरफ आप बीजेपी के संरक्षण में हरियाणा में क्यों बैठे हैं?” कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ”कांग्रेस ने खुले मन से पायलट जी और उन विधायकों के लिए अपने दरवाजे खुले रखे हैं जो बीजेपी की जाल में फंसे हुए नजर आ रहे हैं.”
बीजेपी ने की सीबीआई जांच की मांग
इससे पहले राजस्थान में कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े कथित ऑडियो टेप की बीजेपी ने सीबीआई जांच की मांग की है. साथ ही बीजेपी ने कांग्रेस पर कई सवाल भी उठाए हैं. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने पूछा, क्या आधिकारिक रूप से फोन टैपिंग की गई? क्या टैपिंग संवेदनशील और कानूनी विषय नहीं है? क्या कांग्रेस ने राजस्थान में अपनी सरकार बचाने के लिए गैर संवैधानिक तरीकों का इस्तेमाल किया? क्या फोन टैपिंग के स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) का पालन किया गया?
राष्ट्रपति शासन लगाया जाए: मायावती
बीएसपी प्रमुख मायावती ने कहा, ”राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहले दल-बदल कानून का खुला उल्लंघन व बीएसपी के साथ लगातार दूसरी बार दगाबाजी करके पार्टी के विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया. अब जग-जाहिर तौर पर फोन टेप कराके इन्होंने एक और गैर-कानूनी व असंवैधानिक काम किया है.” मायावती ने कहा कि राजस्थान में लगातार जारी राजनीतिक गतिरोध, आपसी उठा-पठक व सरकारी अस्थिरता के हालात का वहां के राज्यपाल को प्रभावी संज्ञान लेकर वहां राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करनी चाहिए, ताकि राज्य में लोकतंत्र की और ज्यादा दुर्दशा न हो.
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