चीन पर वैश्विक दबाव बढ़ता जा रहा है. खासतौर से चीनी कंपनियों पर कई देश नकेल कस रहे हैं. भारत और ब्रिटेन सहित अमेरिका ने चीनी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करनी शुरू कर दी है. ताजा मामले में अमेरिका ने चीन की 11 कंपनियों पर व्यापार प्रतिबंध लगाए हैं. इन कंपनियों के खिलाफ चीन के मुस्लिम जनसंख्या वाले शिनजियांग क्षेत्र में मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों में लिप्त होने की शिकायतें हैं.
चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी पर शिनजियांग क्षेत्र में मुस्लिम अल्पसंख्यकों के साथ दुर्व्यवहार, बंधुआ मजदूरी और बड़ी संख्या में लोगों को हिरासत में रखने के आरोप लगते रहे हैं. अमेरिका और चीन के संबंधों में गिरावट के कारणों में मानवाधिकार, व्यापार और प्रौद्योगिकी के साथ-साथ शिनजियांग क्षेत्र का मु्द्दा भी शामिल है.
चीन के चार अधिकारियों पर भी प्रतिबंध
अमेरिका की डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने इन आरोपों के चलते चीन के चार अधिकारियों पर भी प्रतिबंध लगाए हैं. वहीं जवाबी कार्रवाई में बीजिंग ने उसके मानवाधिकार रिकॉर्ड का विरोध करने वाले अमेरिका के चार सीनेटरों पर जुर्माना लगाने की घोषणा की है. अमेरिका के वाणिज्य विभाग ने कहा कि प्रतिबंधित सूची में डाले जाने से इन 11 कंपनियों की अमेरिकी सामान और प्रौद्योगिकी तक पहुंच सीमित होगी.
भारत ने बैन किए थे 59 चीनी ऐप्स
मालूम हो कि हाल ही में ब्रिटेन और अमेरिका ने चीन की मशहूर कंपनी हुवेई पर प्रतिबंध लगाया था. इससे पहले भारत ने कई चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया था. भारत ने टिकटॉक और यूसी ब्राउजर सहित 59 चीनी ऐप्स पर सुरक्षा मानकों पर खरा नहीं उतरने के कारण प्रतिबंध लगाया था. इसके अलावा कई अन्य देशों में भी चीनी कंपनियों को भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है. आने वाले दिनों में अमेरिका भी कई चीनी ऐप्स और कंपनियों पर प्रतिबंध लगा सकता है.
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