अहमदाबाद: कोरोना महामारी के इस दौर में गुजरात ने फैसला किया था कि जब तक स्कूल एक बार फिर से शुरू नहीं हो जाते तब तक राज्य की निजी स्कूल संचालक अभिभावकों से फीस नहीं लेंगे.
राज्य सरकार के इस फैसले के बाद निजी स्कूल संचालकों ने नाराजगी जताते हुए कोरोना काल में जारी ऑनलाइन क्लासेस पर रोक लगा दिया था.
लेकिन अब निजी स्कूल संचालक मंडल ने फैसला लिया है कि बच्चों सोमवार से एक बार फिर से ऑनलाइन शिक्षा दी जाएगी.
जारी रहेगा गुजरात सरकार के अधिसूचना का विरोध
हालांकि निजी स्कूल संचालक मंडल ने फैसला लेते हुए कहा कि हमने अभिभावकों के अनुरोध पर एक बार फिर से सोमवार से ऑनलाइन क्लासेस शुरू करने का फैसला किया है.
लेकिन राज्य सरकार के उस फैसला का विरोध करते रहेंगे जिसमें कहा गया था कि सरकार द्वारा स्कूल खुलने की अनुमति नहीं मिलने तक स्कूल फीस नहीं वसूलेंगी.
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कोर्ट पहुंच चुका है मामला
गुजरात सरकार के इस अधिसूचना के खिलाफ राज्य के 15 हजार से ज्यादा निजी स्कूल संचालकों ने नाराजगी जताते हुए बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा देने से इनकार कर दिया था.
सरकार के इस अधिसूचना के खिलाफ निजी स्कूल संचालक मंडल ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
प्राइवेट स्कूलों के इस फैसले के खिलाफ गुजरात सरकार भी छात्रों की शिक्षा को मद्दनेजर रखते हुए मुफ्त में ऑनलाइन क्लासेस चलाने का फैसला लिया था.
इस फैसले के तहत कक्षा 3 से लेकर 12 तक के छात्रों के लिए अंग्रेसी और गुजराती माध्यम में संचालित करने का फैसला किया था.
ये ऑनलाइन क्लासेस डीडी गिरनार और यूट्यूब के जरिये प्रसारित करने का फैसला लिया गया था ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चे इसका फायदा उठा सकें.
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