राजस्थान में जारी सियासी हंगामा के बीच तीसरी बार राज्य के राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र बुलाने की मांग वाले प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.
जिसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्यपाल से मुलाकात करने के लिए राजभवन रवाना हो गए हैं.
राज्यपाल से मुलाकात करने से पहले अशोक गहलोत ने कहा कि वह मुलाकात करने की बाद जानेंगे कि राज्यपाल क्या चाहते हैं.
कैबिनेट बैठक के बाद तीसरी बार भेजा गया था प्रस्ताव
इससे पहले जानकारी सामने आ रही थी कि राज्यपाल कलराज मिश्र कुछ शर्तों के साथ विधानसभा सत्र को बुलाए जाने की मांग पर सहमत हो गए थे.
इसी दौरान सीएम अशोक गहलोत के निवास स्थान पर बीते दिनों बैठक हुई थी जिसमें तीसरी बार सत्र बुलाने की मांग को लेकर प्रस्ताव भेजा गया था.
लेकिन आज जानकारी सामने आ रही है कि राज्यपाल ने इस प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया है.
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एट होम समारोह रद्द कर दिया मैसेज
गौरतलब हो कि इससे पहले राज्यपाल ने स्वतंत्रता दिवस पर होने वाले ‘एट होम’ समारोह को भी कोरोना महामारी की वजह से रद्द कर दिया था.
राजभवन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि कोरोना वायरस की वजह से इस साल राजभवन में आयोजित होने वाले वार्षिक एट होम कार्यक्रम को रद्द किया जाता है.
माना जा रहा है ऐसा कर राज्यपाल ने इशारे-इशारे में गहलोत सरकार को ये मैसेज देना चाहते थे कि विधानसभा सत्र को बुलाने की मांग वाले प्रस्ताव को खारिज किया जा सकता है.
इससे पहले भी दो बार कर चुके है प्रस्ताव खारिज
राज्यपाल कलराज मिश्र इससे पहले दो बार गहलोत सरकार की विधानसभा सत्र को बुलाने वाली मांग को खारिज कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि सत्र बुलाने के लिए राज्य सरकार को नियमों का पालन करना होगा.
उन्होंने कहा कि यदि आप विश्वास मत प्रस्ताव चाहते हैं तो संसदीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव के उपस्थिति में हो और इसका वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ ही साथ लाइव टेलीकास्ट भी होना चाहिए.
दूसरा कोरोना काल में कैसे सत्र बुलाया जा सकता है 200 विधानसभा सदस्य और एक हजार से ज्यादा कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण के खतरे से कैसे बचाया जा सकता है.
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