भारत और चीन के हालिया समय में उठे सीमा विवाद का असर लगातार व्यापार पर देखने को मिल रहा है. इस बीच इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है. खबर है कि इस साल IPL में चीनी कंपनी VIVO स्पॉन्सर नहीं होगा.
गौरतलब है कि आईपीएल गवर्निंग काउंसिल की मीटिंग में चीनी स्पॉन्सर को रख दिये जाने के बाद चारों तरफ से इसका विरोध हो रहा था. ऐसे में अब खबर है कि इस बार इस भारतीय लीग में चीनी कंपनी VIVO स्पॉन्सर नहीं होगा.
सूत्रों के मुताबिक, कंपनी 2021 में स्पॉन्सर रहेगी जो डील 2023 तक चलेगी.
बीसीसीआई का 2022 तक वीवो के साथ करार है. लेकिन बदले हुए स्थिति में वीवो 2021 से 2023 तक 1400 करोड़ रुपये की राशि के बदले स्पॉन्सर बने रह सकते हैं.
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वहीं इस साल के लिए नए स्पॉन्सर का ऐलान जल्द किया जाएगा. खबरों के मुताबिक इस बार के आईपीएल में अब एक नए स्पॉन्सर की तलाश है.
नए स्पॉन्सर की तलाश
इसको लेकर एक भारतीय कंपनी के साथ बीसीसीआई की बातचीत चल रही है. रेस में एक अमेरिकी कंपनी भी है.
आईपीएल संचालन समिति ने लीग के प्रमुख प्रायोजक के रूप में चीनी कंपनियों के साथ रहने का फैसला किया था.
हालांकि उसके बाद सोशल मीडिया पर बीसीसीआई के उस फैसले का खासा विरोध देखने को मिला था.
19 सितंबर से शुरू होगा आईपीएल
आईपाएल के 13वें सीजन का आयोजन 19 सितंबर से यूएई में होने जा रहा है.
टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला 10 नवंबर को खेला जाएगा.
बीसीसीआई ने देश में बढ़ते कोरोना संकट के कारण इस लीग को भारत से बाहर कराने का फैसला किया.
चीन का हो रहा विरोध
गौरतलब है कि लद्दाख में भारत और चीनी सैनिकों की झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे.
इसके बाद से भारत लगातार चीनी कंपनियों पर नेकल कस रहा है.
हाल ही में भारत ने 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया था जिसमें टिक टॉक भी शामिल था.