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मणिपुर विधानसभा में आज होगा फ्लोर टेस्ट, कई सहयोगी छोड़ चुके हैं BJP का साथ

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राज्यसभा चुनाव से बिल्कुल पहले मणिपुर में भाजपा की नेतृत्व वाली सरकार को बड़ा झटका लगा था.

सहयोगी दलों का साथ छोड़ने के बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की सरकार पर खतरे का साया मंढराने लगा था.

ऐसे में आज का दिन मणिपुर की सियासत को लेकर काफी अहम माना जा रहा है. विधानसभा में आज विश्वास प्रस्ताव पर पर वोटिंग होनी है.

आज होगा फ्लोर टेस्ट

मणिपुर विधानसभा में होने वाले इस फ्लोर टेस्ट के बाद ही भाजपा नेतृत्व वाले गठबंधन सरकार के भाग्य का फैसला होगा.

सहयोगी पार्टियों के नेताओं ने मुख्यमंत्री का साथ छोड़ दिया था जिसके बाद विपक्षी दल कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. जिसे मद्देनजर रखते हुए मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने पिछले शुक्रवार को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया था.

कांग्रस और भाजपा ने जारी किया व्हिप

फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को व्हिप जारी किया है. और सदन में विश्वास मत के दौरान उपस्थित रहने का निर्देश दिया है.

वहीं भाजपा ने भी अपने तमाम विधायकों को व्हीप जारी कर सदन में इस दौरान मौजूद रहने का निर्देश दिया है.

राजनैतिक उथल-पथल के बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एस टिकेंद्र सिंह ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि सरकार 30 से ज्यादा सदस्यों का समर्थन हासिल करके विश्वास मत जीतेगी.

लेकिन अगर राज्य सरकार के संख्याबल की बात की जाए तो फिलहाल मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के पास 29 सदस्य ही है.

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60 सदस्यीय विधानसभा वाली मणिपुर में भाजपा के पास 18 विधायक 

मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा में 2017 में होने वाले चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. वहीं भाजपा था 21 विधायकों के साथ दूसरे नंबर पर थी लेकिन भाजपा ने सभी गैर कांग्रेसी विधायकों को लामबंद कर मणिपुर

में सरकार बनाने में कामयाब हुई थी. लेकिन अब मणिपुर विधानसभा में सिर्फ भाजपा के पास 18 विधायकों का समर्थन है.

राज्यसभा चुनाव से बिल्कुल पहले बदला था सियासी समीकरण

नेशनल पीपुल्स पार्टी के उपमुख्यमंत्री वाई जॉय कुमार समेत नेशनल पीपुल्स पार्टी के चार मंत्रियों ने इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो गए.

इस्तीफा देने वालों में ट्रायबल एंड हिल्स एरिया डेवलपमेंट मिनिस्टर एन. कयिशी, यूथ एफेयर्स एंड स्पोर्ट्स मिनिस्टर लेतपाओ हाओकिप और हेल्थ एंड फैमिलि वेलफेयर मिनिस्टर एल. जयंत कुमार सिंह का नाम शामिल है.

बदलते सियासी समीकरण के बीच चार मंत्रियों सहित सहयोगी दल के अन्य पांच विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया है जिससे मुख्यमंत्री की कुर्सी खतरे में आ गई है.

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