Gujarat Exclusive > हमारी जरूरतें > चीन को एक और झटका, रेलवे ने वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का टेंडर रद्द किया

चीन को एक और झटका, रेलवे ने वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का टेंडर रद्द किया

0
487
  • 44 सेमी-हाई स्पीड ट्रेनों के निर्माण की निविदा रद्द
  • चीन की संयुक्त वाली कंपनी को मिला था ठेका
  • एक हफ्ते में  जारी किया जाएगा नया ठेका

सीमा पर जारी विवादों के बीच भारत ने चीन को एक और बड़ा झटका दिया है. रेलवे ने शुक्रवार को कहा कि उसने 44 सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण की निविदा रद्द कर दी है जो पिछले साल आमंत्रित की गई थीं.

इसके लिए निविदा पिछले साल ही जारी हुआ था.
बीते महीने ही जब टेंडर खोले गए तो सिर्फ चीन के साथ संयुक्त उद्यम वाली जेवी कंपनी को ही ठेका मिला था.

यह भी पढ़ें : पाकिस्तान की नापाक हरकत पर BSF का धावा, 5 घुसपैठियों को मार गिराया

इसमें सीआरआरसी पॉयनियर इलेक्ट्रिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ही छह आवेदन करने वालों में योग्य पाई गई थी.

पिछले महीने जब निविदा खोली गई तो 16 डिब्बे वाली इन 44 ट्रेनों के इलेक्ट्रिकल उपकरणों एवं अन्य सामान की आपूर्ति के लिए छह दावेदारों में से एक चीनी संयुक्त उद्यम (सीआरआरसी-पायनियर इलेक्ट्रिक (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड) एकमात्र विदेशी के रूप में उभरकर सामने आया.

नया ठेका जारी किया जाएगा

जेवी कंपनी 2015 में चीन की सीआरआरसी यॉन्गजी इलेक्ट्रिक कंपनी लिमिटेड और गुरुग्राम स्थित पॉयनियर फिल-मेड प्राइवेट लिमिटेड ने मिलकर बनाई थी.
अब एक हफ्ते में नया ठेका जारी किया जाएगा.
हालांकि, रेलवे ने पुराने ठेके को रद्द करने की वह नहीं बताई है.

रेल मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा कि 44 सेमी-हाई स्पीड ट्रेनों (वंदे भारत) के निर्माण की निविदा रद्द कर दी गई है.
संशोधित सार्वजनिक खरीद (‘मेक इन इंडिया’ को वरीयता) आदेश के अंतर्गत एक सप्ताह के भीतर ताजा निविदा आमंत्रित की जाएगी.

खबरों के मुताबिक, रेलवे यह सुनिश्चित करना चाहता है कि एक पूर्ण घरेलू इकाई निविदा हासिल करे.
जैसे ही यह पता चला कि चीनी संयुक्त उद्यम दौड़ में सबसे आगे है तो इसे निरस्त कर दिया गया.

चेन्नई की रेलवे कोच फैक्ट्री ने 10 जुलाई को 44 सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण के लिए निविदा आमंत्रित की थी.

सीमा पर जारी है तनातनी

भारत और चीन के बीच सीमा पर अभी भी तनातनी की स्थिति बनी हुई है.
सूत्रों ने बताया कि चीन की सेना पूर्वी लद्दाख में अब अपनी करतूतों को सही ठहराने में लगी है.
चीनी पक्ष सिर्फ विचारों के आदान-प्रदान की रणनीति पर काम कर रहा है.
उसे सीमा के गतिरोध को सुलझाने में कोई दिलचस्पी नहीं है.
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे सभी वरिष्ठ कमांडरों को उच्च अलर्ट रहने को कहा है.
उन्होंने चीनी सेना की किसी भी उकसावे की कार्रवाई का करारा जवाब देने को कहा है.
गुजराती में ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें