- अहमदाबाद में बढ़ते कोरोना के मामलों पर लगाम लगाने के लिए नगर निगम का फैसला
मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों की ली जाएगी मदद, बदले में दिया जाएगा वजीफा
सेवा लेने वाले छात्रों को पहले दिया जाएगा प्रशिक्षण
आदेश का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ की जाएगी कानूनी कार्रवाई
अहमदाबाद: राज्य में हर दिन कोरोना के एक हजार से ज्यादा नए मामले दर्ज किए जा रहे हैं. अहमदाबाद शहर में बढ़ते कोरोना कहर पर लगाम लगाने के लिए नगर निगम ने मेडिकल छात्रों और इंटर्न की कोरोनाकाल में सेवा लेने का फैसला किया है.
छात्रों और इंटर्न को पांच से छह दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके लिए उन्हें प्रतिदिन 500 रुपये का वजीफा दिया जाएगा.
मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों से ली जाएगी मदद
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में, अहमदाबाद शहर में मौजूद मेडिकल, डेंटल और नर्सिंग कॉलेजों के इंटर्न और छात्रों की सेवा लेने का निर्णय लिया गया है.
इतना ही नहीं मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस के दूसरे और तीसरे साल के साथ ही साथ डेंटल कॉलेज में बीडीएस की पढ़ाई करने वाले दूसरे, तीसरे और चौथे साल में पढ़ाई करने वाले छात्र.
मेडिकल कॉलेज में इंटर्न करने वाले छात्रों को फिल्ड सर्वेलंस, सुपरवीज, संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए उठाए गए उचित कदम, परीक्षण, सामाजिक देखभाल, जैसी कई जिम्मेदारी दी जाएगी.
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कोरोना संक्रमण स्थिति की समीक्षा के बाद लिया गया निर्णय
अहमदाबाद शहर में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा को लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजीव गुप्ता की अध्यक्षता में साबरमती रिवरफ्रंट पर एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया था.
जिसमें अहमदाबाद नगर निगम कमिश्नर मुकेश कुमार, डिप्टी म्युनिसिपल कमिश्नर मौजूद थे. साबरमती रिवरफ्रंट पर होने वाली इस बैठक में यह निर्णय लिया गया.
छात्रों को ये सेवाएं देने के लिए पहले पांच से छह दिनों का आवश्यक प्रशिक्षण नगर निगम द्वारा दिया जाएगा. मेडिकल, डेंटल, नर्सिंग कॉलेज के जिन छात्रों से सेवा ली जाएगी उनको प्रतिदिन 500 रुपये का वजीफा दिया जाएगा.
लेकिन यदि कोई छात्र मधुमेह, हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियों से पीड़ित है, तो उस छात्र को इस सेवा में हिस्सा लेने के लिए दबाव नहीं डाला जाएगा.
चयनित छात्रों को वी.एस. अस्पताल को डॉक्टरों के एक पैनल द्वारा चिकित्सा परीक्षा से गुजरना होगा.
अहमदाबाद मनपा का एक अन्य निर्णय
कॉलेज के डीन और हेड को नगर निगम के इस आदेश का अनुपालन करना होगा. इसके अलावा छात्रों को आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा.
इतना ही नहीं छात्रों के इस कदम की संस्थान द्वारा सराहना की जानी चाहिए. इस आदेश का पालन नहीं करने वाले संस्थानों, कॉलेजों या व्यक्तियों पर महामारी रोग अधिनियम, 1897 के प्रावधानों के साथ-साथ आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के सहायक प्रावधानों के तहत मुकदमा चलाए जाने की भी धमकी दी गई है.
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