- कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर एक बार फिर बोला हमला
- कहा नोटबंदी के फैसले से बर्बाद हो गई देश की असंगठित अर्थव्यवस्था
- नोटबंदी कर गरीबों के जेब से पैसा निकालकर अमीर कर्जदाताओं का माफ किया गया कर्ज
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने “राहुल गांधी नोटबंदी की बात” नामक वीडियो जारी कर केंद्र की मोदी सरकार पर एक बार फिर से जमकर हमला बोला है.
उन्होंने कहा कि 2016 में नोटबंदी के पहले की वजह से आज भारत अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है.
इससे पहले राहुल गांधी ने वीडियो जारी कर मोदी सरकार पर असंगठित अर्थव्यवस्था को खत्म करके लोगों को गुलाम बनाने का आरोप लगया था.
राहुल गांधी ने ट्वीट कर बोला हमला
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज एक ट्वीट कर लिखा- “मोदी जी का ‘कैश-मुक्त’ भारत दरअसल ‘मज़दूर-किसान-छोटा व्यापारी’ मुक्त भारत है.
जो पाँसा 8 नवंबर 2016 को फेंका गया था, उसका एक भयानक नतीजा 31 अगस्त 2020 को सामने आया.
GDP में गिरावट के अलावा नोटबंदी ने देश की असंगठित अर्थव्यवस्था को कैसे तोड़ा ये जानने के लिए मेरा वीडियो देखिए.”
मोदी जी का ‘कैश-मुक्त’ भारत दरअसल ‘मज़दूर-किसान-छोटा व्यापारी’ मुक्त भारत है।
जो पाँसा 8 नवंबर 2016 को फेंका गया था, उसका एक भयानक नतीजा 31 अगस्त 2020 को सामने आया।
GDP में गिरावट के अलावा नोटबंदी ने देश की असंगठित अर्थव्यवस्था को कैसे तोड़ा ये जानने के लिए मेरा वीडियो देखिए। pic.twitter.com/GzovcTXPDv
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 3, 2020
राहुल गांधी ने अपने वीडियो सिरीज को आगे बढ़ते आज “राहुल गांधी नोटबंदी की बात” नामक वीडियो जारी कर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि नोटबंदी भारत के किसान, मजदूर, दुकानदार और असंगठित अर्थव्यवस्था पर आक्रमण था.
गरीबों के जेब से पैसा निकालकर अमीर कर्जदाताओं का माफ किया गया कर्ज
उन्होंने कहा कि 8 नवंबर 2016 को रात आठ बजे प्रधानमंत्री जी ने नोटबंदी का फैसला लिया. 500/1000 के नोट रद्दी कर दिए. पूरा हिंदुस्तान बैंक के सामने जाकर खड़ा हो गया. आपने अपना पैसे बैंक जमा कर दिया. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या इससे कालाधन खत्म हुआ? दूसरा सवाल देश की गरीब जनता को नोटबंदी से क्या फायदा मिला? आपके पैसे को सरकार ने आपकी जेब से निकालकर अमीर कर्जदाताओं के कर्ज को माफ कर दिया.
नोटबंदी के फैसले से बर्बाद हो गई देश की असंगठित अर्थव्यवस्था
नोटबंदी का दूसरा लक्ष्य था कि असंगठित अर्थव्यवस्था को खत्म करना था. क्योंकि इस व्यवस्था में लोग नकद से रोजगार किया जाता है. उन्होंने कहा कि पीएम खुद कहते हैं कि हम कैशलेस भारत चाहते हैं. इससे नुकसान किसको होगा किसानों को मजदूरों को दुकानदारों को क्योंकि यह लोग बिना कैश के कुछ भी नहीं कर सकते उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की नोटबंदी का फैसला किसान, मजदूर, दुकानदार और असंगठित अर्थव्यवस्था के खिलाफ है इसलिए हमें इसको पहचानना पड़ेगा और पूरे देश को एकजुट होकर इनके खिलाफ लड़ना पड़ेगा.