कोरोना काल के दौरान शुरू होने वाले मॉनसून सत्र (Monsoon Session) को लेकर विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा है. संसद के मॉनसून सत्र (Monsoon Session) को शुरू होने में अब कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं. कोरोना संकट की वजह से इस बार काफी बदलाव हुए हैं और प्रश्नकाल को हटा दिया गया . इसे लेकर विपक्ष सरकार पर हमला पर तीखे प्रहार कर रही है.
हालांकि विवाद बढ़ने के बाद सरकार ने फैसला किया कि मॉनसून सत्र (Monsoon Session) के दौरान लिखित सवाल पूछे जा सकेंगे जिसका जवाब भी लिखित में ही मिलेगा.
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लेकिन कई नेताओं को केंद्र का यह फैसला रास नहीं आ रहा है. तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने इस फैसले के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है.
You don’t allow #QuestionHour where ministers have to stand up and answer Qs from MPs and be held accountable. Now you only condescend to allow written Questions/Answers!
Stop throwing crumbs. This is #Parliament Not the Gujarat Gymkhana
— Derek O’Brien | ডেরেক ও’ব্রায়েন (@derekobrienmp) September 3, 2020
उन्होंने कहा, ‘आप प्रश्नकाल की अनुमति नहीं देते हैं, जहां मंत्रियों को सांसदों के सवालों के जवाब देने पड़ते हैं और उन्हें जवाबदेह ठहराया जाता है. अब आप केवल लिखित प्रश्न/ उत्तर की अनुमति देने के लिए कृपा कर रहे हैं. टुकड़ों में चीजें देना बंद करें. ये संसद है गुजरात का जिमखाना नहीं.’
इससे पहले केंद्र के फैसले के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने इसे सांसदों से प्रश्न पूछने का अधिकार छीनने वाला बताया था. उन्होंने कहा कि जब संसद की कार्यवाही के लिए समय कम नहीं किया गया है तो फिर प्रश्नकाल क्यों स्थगित क्यों किया गया?
बदलाव के बाद भी क्यों मचा है शोर
गुरुवार को संसद सत्र से संबंधित एक अधिसूचना जारी की गई. इसमें कहा गया है कि सांसदों को ये बताया जाता है कि इस बार राज्यसभा में मॉनसून सत्र (Monsoon Session) के दौरान प्रश्नकाल नहीं होगा. ऐसे में सभी सदस्य अपने सवाल पहले दे सकते हैं जिनका उन्हें लिखित जवाब मिलेगा.
एनसीपी ने लगाए आरोप
वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने आरोप लगाया कि भाजपा ने संसद के आगामी मॉनसून सत्र (Monsoon Session) में प्रश्नकाल को रद्द करने के बहाने के रूप में कोविड-19 महामारी का उपयोग कई मोर्चों पर अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए किया है. पार्टी ने अपने सांसदों को केंद्र से सवाल करने के लिए अन्य इलेक्ट्रॉनिक साधनों का उपयोग करने के लिए कहा.
14 सितंबर से शुरू होगा मॉनसून सत्र
कोरोना संकटकाल के बीच इस साल मॉनसून सत्र (Monsoon Session) का आगाज 14 सितंबर से शुरू होने वाले है.
कोरोना के बढ़ते आतंक की वजह से इस बार होने वाली सदन की कार्यवाही में कई तरीके का बदलाव भी किया गया है.
इस सिलसिले में जानकारी देते हुए संसदीय मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा है कि सरकार सदन में होने वाले चर्चा से भाग नहीं रही है. यह फैसला विपक्षी दलों के से बातचीत करने के बाद ही किया था.
लेकिन अगर अब विपक्ष हंगामा कर रहा है तो हमने लोकसभा स्पीकर से अनुरोध किया गया है कि सत्र के दौरान सांसदों को अतारांकित प्रश्न की अनुमति दी जाए.
गौरतलब है कि सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार इस बार मॉनसून सत्र (Monsoon Session) के दौरान कोई प्रश्नकाल नहीं होगा. इस मामले को लेकर कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने जमकर हंगामा किया था.
शशि थरूर ने लगाया गंभीर आरोप
इस मामले को लेकर कांग्रेस भी सख्त नाराजगी का इजहार किया है. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी इस मामले को लेकर अपने एक पुराने ट्वीट को साझा करते हुए कहा कि मैंने चार महीने पहले कहा था कि मजबूत नेता महामारी को लोकतंत्र को खत्म करने के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं.
संसद सत्र का नोटिफिकेशन ये बता रहा है कि इस बार प्रश्नकाल नहीं होगा. हमें सुरक्षित रखने के नाम पर ये कितना सही है?