Gujarat Exclusive > गुजरात > अहमदाबाद के वस्त्रापुर में नकली मार्कशीट बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़

अहमदाबाद के वस्त्रापुर में नकली मार्कशीट बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़

0
703

अहमदाबाद (Ahmedabad) के वस्त्रापुर इलाके में नकली मार्कशीट बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. शहर के वस्त्रापुर पुलिस की एक कांस्टेबल ने छात्र बनकर इस गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस को सूचना मिली थी कि बोदकदेव के रामझरोखा अपार्टमेंट से कुछ लोग नकली मार्कशीट/सर्टिफिकेट का धंधा कर रहे हैं.

अहमदाबाद (Ahmedabad) पुलिस ने अपने कुछ सदस्यों को छात्र बनाकर इस गिरोह के पास भेजा था जिसके बाद दो लोगों को रंगे हाथों पकड़ा गया.
पुलिस ने बताया कि गिरोह ने गुजरात विश्वविद्यालय को फर्जी मार्कशीट 10 लाख रुपये और मद्रास विश्वविद्यालय की फर्जी मार्कशीट 3 लाख रुपये में देने की पेशकश की थी.

यह भी पढ़ें: गुजरात में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1 लाख पार, 1325 नए मामले

उन्होंने फर्जी ट्रांसक्रिप्ट और रिजनल सर्टिफिकेट की भी पेशकश की. गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि इसका मास्टरमाइंड चिंतन पटेल अभी भी फरार है. अब अहमदाबाद (Ahmedabad) पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि गिरोह द्वारा अब तक कितने मार्कशीट बनाए गए हैं.

कैसे जाल में फंसे गिरोह के सदस्य

अहमदाबाद (Ahmedabad) की वस्त्रापुर पुलिस के एक कांस्टेबल गोविंदभाई नरसिंहभाई को बोडकदेव के एक अपार्टमेंट में नकली मार्कशीट बनाए जाने की सूचना मिली. जांच में पता चला कि प्रजेश जानी और चिंतन पटेल इस फर्जी धंधे में शामिल थे.

इसके बाद अहमदाबाद (Ahmedabad) पुलिस को एक महिला कांस्टेबल छात्र बनकर इन लोगों से मिली और उसने उनसे बताया कि उसे मार्कशीट खरीदना है. महिला कांस्टेबल रेणुका गिरोह के सदस्यों के संपर्क में थी. वह एक ऐसी छात्रा का किरदार निभा रही थीं जिसे विदेश जाना चाहता था और इसलिए वह गुजरात विश्वविद्यालय की फर्जी मार्कशीट चाहती थीं.

रेणुका ने चिंतन पटेल से बात की जिसने कहा कि तीन साल की स्नातक डिग्री की मार्कशीट की कीमत 10 लाख रुपये होगी. इसके बाद उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय की इंजीनियरिंग डिप्लोमा की मार्कशीट 3 लाख रुपये में देने की भी पेशकश की.

उसने नकली प्रवास प्रमाण पत्र और ट्रांस्क्रिप्ट का भी प्रस्ताव दिया. उन्होंने कहा कि प्रजेश जानी उनसे कुछ अन्य जानकारी के लिए संपर्क करेगा और एक बार विवरण मिल जाने के बाद 15 दिनों में उसकी मार्कशीट मिल जाएगी.

30 जुलाई को प्रजेश ने रेणुका को मैसेज किया और मार्कशीट बनाने के लिए उनका नाम, जन्मतिथि, माता-पिता का नाम जैसे अन्य विवरण मांगे.

सादे कपड़ों में पहुंचे पुलिसवाले

1 सितंबर को उसने रेणुका को सूचित किया कि उसकी मार्कशीट तैयार हो गई है और वह उसे 3 लाख रुपये देकर ले सकती है. उसने उसे बोडकदेव के रामझरोखा अपार्टमेंट में बुलाया. रेणुका एक दिन के बाद उसे लेने के लिए तैयार हो गई.

इसके बाद रेणुका कुछ अन्य अहमदाबाद (Ahmedabad) पुलिसकर्मियों के साथ सादे कपड़ों में मार्कशीट लेने पहुंची. रेणुका को मार्कशीट सौंपे जाने के बाद पुलिस ने दो लोगों को नकली मार्कशीट के साथ रंगे हाथों पकड़ा लिया.

अहमदाबाद (Ahmedabad) पुलिस ने प्रजेश जानी और कल्पेश पाठक को गिरफ्तार किया. पुलिस ने आरोपियों के पास से फर्जी कई प्रमाणपत्र और मार्कशीट बरामद किए हैं.

गुजराती में ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें