कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक बार फिर रोजगार का मसला उठाया. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने बेरोजगारी की स्थिति और कर्मचारी चयन आयोग तथा कुछ अन्य परीक्षाओं के परिणाम में कथित विलंब को लेकर शुक्रवार को मोदी सरकार पर निशाना साधा.
राहुल (Rahul Gandhi) ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए कहा कि मोदी सरकार रोजगार, बहाली, परीक्षा के परिणाम दो, देश के युवाओं की समस्या का समाधान दो. इससे पहले राहुल (Rahul Gandhi) ने जीडीपी का मसला उठाते हुए मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की थी.
मोदी सरकार,
रोज़गार, बहाली, परीक्षा के परिणाम दो,
देश के युवाओं की समस्या का समाधान दो।https://t.co/dUnMicC8mN— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 4, 2020
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक खबर के लिंक के साथ ट्वीट किया, ‘‘मोदी सरकार, रोज़गार, बहाली, परीक्षा के परिणाम दो, देश के युवाओं की समस्या का समाधान दो.”
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प्रियंका ने भी साधा निशाना
इसी मुद्दे को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘2017-एसएससी सीजीएल (संयुक्त स्नातक स्तर) की भर्तियों में अभी तक नियुक्ति नहीं हुई. 2018- सीजीएल परीक्षा का परिणाम तक नहीं आया. 2019- सीजीएल की परीक्षा ही नहीं हुई. 2020- एसएससी सीजीएल की भर्तियां निकाली ही नहीं.”
..प्राइवेट सेक्टर में छंटनी और सरकारी में भर्तियों पर ताला लगने से युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है लेकिन सरकार सच पर पर्दा डालने के लिए विज्ञापनों और भाषणों में झूठ परोस रही है। 2/2 #StopPrivatisation
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 4, 2020
राहुल पहले भी उठा चुके हैं सवाल
इससे पहले राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा था कि मोदी जी का ‘कैश-मुक्त’ भारत दरअसल ‘मज़दूर-किसान-छोटा व्यापारी’ मुक्त भारत है. जो पांसा 8 नवंबर 2016 को फेंका गया था, उसका एक भयानक नतीजा 31 अगस्त 2020 को सामने आया. जीडीपी में गिरावट के अलावा नोटबंदी ने देश की असंगठित अर्थव्यवस्था को कैसे तोड़ा ये जानने के लिए मेरा वीडियो देखिए.
मोदी जी का ‘कैश-मुक्त’ भारत दरअसल ‘मज़दूर-किसान-छोटा व्यापारी’ मुक्त भारत है।
जो पाँसा 8 नवंबर 2016 को फेंका गया था, उसका एक भयानक नतीजा 31 अगस्त 2020 को सामने आया।
GDP में गिरावट के अलावा नोटबंदी ने देश की असंगठित अर्थव्यवस्था को कैसे तोड़ा ये जानने के लिए मेरा वीडियो देखिए। pic.twitter.com/GzovcTXPDv
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 3, 2020
इससे पहले दो सितंबर को एक ट्वीट में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मोदी सरकार की 6 खामियों को प्वाइंट आउट किया था.
India is reeling under Modi-made disasters:
1. Historic GDP reduction -23.9%
2. Highest Unemployment in 45 yrs
3. 12 Crs job loss
4. Centre not paying States their GST dues
5. Globally highest COVID-19 daily cases and deaths
6. External aggression at our borders— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 2, 2020
सुरजेवाला का वार
इसके अलावा कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी मोदी सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की थी. उन्होंने कहा, ‘नौकरीपेशा व मध्यमवर्ग पर रोज़ पड़ती मार, ये 40 करोड़ लोग बदहाली के शिकार! EMI भुगतान का समय 31 अगस्त, 2020 से आगे न बढ़ा तथा लॉकडाऊन के दौरान EMI पर ब्याज वसूलने का निर्णय मोदी सरकार ने 31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में कहा. सारी उम्मीदें टूट गईं. यह जले पर घाव नहीं तो क्या है?’
साथ ही उन्होंने गरीबों को लेकर भी मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की.
अबकी बार, ग़रीबों पर वार
हार्ड वर्क और फ़्रॉड वर्क में यही अंतर है
UN की ताज़ा रिपोर्ट करोड़ों महिलाओं में तेज़ी से बढ़ती ग़रीबी बताती है
ILO के मुताबिक़ 40 करोड़ भारतीय ग़रीबी रेखा के गर्त में धकेले जा रहे हैं
मोदीजी नचाए मोर, मस्त हैं चोर,
गरीब के हाथ कटोरा, देश गया किस और? pic.twitter.com/O6IrBG9Rsv— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) September 4, 2020
रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ’73 साल में पहली बार ‘अर्थव्यवस्था और आम आदमी’, दोनों की कमर तोड़ी है. देश ‘आर्थिक तबाही व वित्तीय आपातकाल’ में धकेल रहे हैं. धड़ाम से गिरी GDP इसका सबूत है. ‘नोटबंदी-जीएसटी-देशबंदी’ मास्टर स्ट्रोक नहीं, असल में हैं ‘डिज़ास्टर स्ट्रोक’ थे.’